दो कारीगरों के साथ मिलकर सैडलरी का कारोबार शुरू किया था। अब अपनी कंपनी में 70 लोगों को रोजगार दे रही हैं। खास बात यह है कि इनमें 25 फीसदी महिलाएं हैं। यह कहानी है सिविल लाइंस में रहने वाली नविता की।
नविता बताती हैं कि पति का कनाडा में सैडलरी का कारोबार था, उसे बढ़ाने के लिए 2003 में कनाडा चली गई थी। कानपुर समेत देश भर के चमड़ा कारोबारियों से वह उत्पाद खरीदती थीं लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते 2012 में शहर आ गई थीं।
दो साल बाद 2014 में उन्होंने 16 लाख की पूंजी से सत्कीर्ति एजेंसीज नाम से कंपनी शुरू की। इसमें वह पार्टनर हैं। कंपनी सैडलरी और इससे जुड़े उत्पादों का निर्यात करती है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में कई चुनौतियां आईं लेकिन हार नहीं मानी। परिवार और पति के सहयोग से आगे बढ़ती गई। वर्तमान में उनकी पोखरपुर में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है।
उनका कहना है कि कनाडा में रहने के दौरान ग्राहकों के फीडबैंक उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे। क्वालिटी उत्पाद तैयार करना उनकी प्राथमिकता है। कंपनी में क्वालिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी उन्हीं की है।
उन्हें चर्म निर्यात परिषद की ओर से हारनेस एंड सैडलरी कैटेगरी में 2020-21 का एक्सपोर्ट एक्सीलेंस अवार्ड मिला है। कुछ महीने पहले दिल्ली में आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उन्हें अवार्ड दिया था।