प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं में तेजी लाना आवश्यक है। इस तथ्य पर जोर देते हुए कि हरित वित्तपोषण समय की आवश्यकता है, पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत ने वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस पर काम में तेजी लाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं में तेजी लाना आवश्यक है। पीएम मोदी ने ‘वित्त पोषण और आकांक्षात्मक अर्थव्यवस्था’ पर एक वेबिनार में ये बातें कहीं। यहां पढ़िए पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की आप सभी को शुभकामनाएं। ये भी गौरव की बात है कि भारत जैसे विशाल देश की वित्त मंत्री भी एक महिला हैं, जिन्होंने देश को इस बार प्रगतिशील बजट दिया है। बजट में सरकार ने तेज़ ग्रोथ के मोमेंटम को जारी रखने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। Foreign Capital Flows को प्रोत्साहित करके, Infrastructure Investment पर टैक्स कम करके, NIIF, Gift City, नए DFI जैसे संस्थान बनाकर हमने financial और Economic growth को तेज गति देने का प्रयास किया है।
फाइनेंस में डिजिटल तकनीक के व्यापक प्रयोग को लेकर देश की प्रतिबद्धता अब नेक्स्ट लेवल पर पहुंच रही है। 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स हों, या फिर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, ये हमारे विजन को प्रदर्षित करते हैं। आज देश आत्मनिर्भर भारत अभियान चला रहा है। हमारे देश की निर्भरता दूसरे देशों पर कम से कम हो, इससे जुड़े Projects की Financing के क्या Different Models बनाए जा सकते हैं, इस बारे में मंथन आवश्यक है।
पूरे नॉर्थईस्ट का विकास हमारे लिए प्राथमिकता का विषय है। इन क्षेत्रों में आपकी सहभागिता बढ़ाने की दिशा में भी विचार करना जरूरी है। अभी हमने ड्रोन सेक्टर, स्पेस सेक्टर और Gio Special सेक्टर को ओपन किया है।ये बहुत बड़े निर्णय हुए हैं। ये एक प्रकार से game changer हैं। इनमें भी हमें दुनिया के top 3 में जगह बनाने के लिए काम करना चाहिए।
भारत की Aspirations, Natural Farming से, Organic Farming से जुड़ी है। अगर कोई इनमें नया काम करने के लिए आगे आ रहा है, तो हमारे Financial Institutions उसे कैसे मदद करें, इसके बारे में सोचा जाना आवश्यक है।
आज देश में हेल्थ सेक्टर में बहुत काम हो रहा है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार बहुत निवेश कर रही है। हमारे यहां मेडिकल एजुकेशन से जुड़े challanges को दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडिकल संस्थानों का होना बहुत जरूरी है।