मेरठ के विक्टोरिया पार्क अग्निकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने के लिए एडीजे रैंक के एक अधिकारी को नामित करने का आदेश दिया है। 2006 में हुए इस अग्निकांड में 65 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 81 लोग गंभीर रूप से तो 85 लोग सामान्य रूप से झुलसे थे।
10 अप्रैल,2006 को हुआ था हादसा
दस अप्रैल 2006 को विक्टोरिया पार्क में लगाए गए कंज्यूमर मेले में भीषण आग लगी थी। यह मेला तीन दिन तक लगा था। जिस दिन आग लगी, मेले का समापन चल रहा था। दुकानदार अपने अपने स्टाल बंद कर जाने की तैयारी में थे। इस समय मेले में करीब तीन हजार लोग मौजूद थे। अचानक से आग लग गई और देखते ही देखते पूरा पंडाल आग का गोला बन गया था।
यह अग्निकांड इतना वीभत्स था कि देखने और सुनने वालों की भी रुह कांप गई थी। कई परिवारों का तो इस अग्निकांड में सब कुछ चला गया। इस आग में 65 लोगों की मौत हो गई थी। 81 लोग गंभीर रूप से तो 85 लोग सामान्य रूप से झुलसे थे।
आज भी नहीं मिला न्याय
हादसे के बाद प्रशासन पर लोगों का गुस्सा फूटा था। दरअसल, जिस समय आग लगी, उस समय मेले में आग बुझाने के संसाधन नहीं मौजूद थे। इसके चलते यह आग भीषण होती चली गई।
इसके बाद लोगों का गुस्सा प्रशासन व सरकार पर जमकर फूटा। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। मृतकों के परिजनों की मांग थी कि, उन्हें 20-20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। हालांकि, यह मामला आज भी कोर्ट में लंबित है। हादसे को 16 साल बीत चुके हैं।