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Russia Ukraine War Effect: भविष्य की चिंता में डूबे हैं यूक्रेन से छत्‍तीसगढ़ लौटे छात्र, अधूरी शिक्षा पूरी करने लगा रहे गुहार

रायपुर : रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं। ऐसे में छात्रों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व केंद्र सरकार बच्चों को मेडिकल कालेजों में शिक्षा व प्रेक्टिस की अनुमति की मांग की है।

यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्र रायपुर शिवानंद नगर निवासी आकाश राव, अंकुर डे, रायगढ़ के प्रांजल कुमार ने बताया कि उन्हें यूक्रेन से पढ़ाई अधूरी छोड़कर लौटना पड़ा है। छत्तीसगढ़ में ऐसे 207 छात्र हैं, जो इससे प्रभावित हैं। इन्होंने बताया कि यूक्रेन में परिस्थितियां सामान्य होती नहीं दिख रही है।

घर लौटने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाए? छात्रों ने कहा कि नीट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते हैं। ऐसे में परिस्थितियों को देखते हुए सरकार उन्हें मेडिकल कालेजों में शिक्षा व प्रेक्टिस की अनुमति दे, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। इसके लिए इन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है।

23 दिन से भूख हड़ताल पर रविवि के कर्मी

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कर्मचारी 23 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। कर्मचारी अध्यक्ष जीवन लाल सिरदार व महासचिव शंकर लाल कुंजाम ने बताया कि 45 कर्मचारियों के पदावनत किए जाने के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रियंका ध्रुव और अनिता अनंत भूख हड़ताल कर रहीं हैं। 12 अप्रैल से ओजस्वनी सोनवानी भी भूख हड़ताल पर बैठेंगी। कर्मचारियों की मांग है कि रविवि प्रबंधन कर्मचारियों का पदावनत वापस ले। मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।

फार्मेसी काउंसिल के चुनाव को लेकर जुटे फार्मासिस्ट

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के चुनाव की तैयारियों को लेकर इंडियन फार्मसिस्ट एसोसिएशन (आइपीए) ने सोमवार को राज्यस्तरीय बैठक रखी थी। इसमें सभी जिलों से सैकड़ों फार्मासिस्ट पहुंचे, जिनके बीच आगामी चुनाव व फार्मासिस्टों की समस्याओं पर चर्चा की गई। आइपीए के सचिव फार्मासिस्ट राहुल वर्मा ने बताया कि राज्य में कुल पंजीकृत फार्मासिस्टों की संख्या 25 हजार पार करने वाली है।

राज्य बनने के बाद से अब तक स्टेट काउंसिल में अनुभव के आधार पर फार्मासिस्ट बने लोगों का कब्जा रहा है आइपीए चाहता है कि पढ़े-लिखे फार्मासिस्ट काउंसिल के सदस्य बनें ताकि फार्मासिस्टों के रोजगार, प्रशिक्षण आदि विषयों को सरकार के समक्ष मबूती से रखा जा सके। राज्य संयोजक फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री ने बताया कि सरकार ने फार्मासिस्टों के हित में अब तक कोई पहल नहीं की गई। बैठक में स्टेट फार्मेसी काउंसिल चुनाव के लिए चुनाव समिति का गठन किया गया।

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