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मथुरा: घर के बाहर खेलते हैं बच्चे तो हो जाएं सावधान, बदमाशों के निशाने पर हैं 5 से 11 साल के बच्चे

जिले में मानो कोई ऐसा गिरोह सक्रिय है, जिसके निशाने पर 5 से लेकर 11 साल के बालक हैं। खासकर इन बालकों को घर के बाहर खेलते हुए अगवा किया गया था। इसकी शुरूआत थाना गोविंदनगर क्षेत्र से अगवा किए गए अंश उर्फ यश से हुई। हालांकि पुलिस ने इस बालक की सकुशल बरामदगी कर ली। इसके बाद जनपद में बालकों के अगवा करने का क्रम नहीं थम सका। 

गोवर्धन के अड़ींग में बालिका और बालक अगवा किए गए। इनमें से एक बालक नितिन की हत्या करके शव को कुएं में फेंक दिया गया था। बालिका का भी अभी तक पुलिस सुराग नहीं लगा सकी है। इससे पहले थाना हाईवे की इंद्रपुरी से मजदूर का बेटा भी अगवा किया गया था। उसे आज करीब 15 दिन बीत गए हैं, पर हाईवे पुलिस आज तक इस बालक का सुराग लगाने में नाकाम ही रही है। लगातार बालकों को अगवा करने वाला गिरोह पुलिस को खुली चुनौती दे रहा है। पुलिस इस गिरोह को पकड़ना तो दूर अगवा किए गए बालकों की सकुशल बरामदगी तक नहीं कर सकी है। पुलिस का हर कदम फेल साबित हो रहा है और अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

विधायक ने व्यक्त की संवेदना

मथुरा-वृंदावन के भाजपा विधायक श्रीकांत शर्मा ने गोवर्धन के अडींग में 9 वर्षीय नितिन गोयल की मौत पर संवेदना व्यक्त की है। उनके कैंप कार्यालय से पुलिस कार्रवाई पर नजर रखी जा रही है। श्रीकांत शर्मा ने बालक के हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी कर सख्त कार्रवाई की पुलिस अधिकारियों से मांग की है।


तो नहीं जाती नितिन की जान

अगर गोवर्धन पुलिस गंभीर होती तो नितिन की जान बचाई जा सकती थी। 4 दिन पहले घर के बाहर खेलते हुए उसे अगवा किया गया था। 9 साल के बालक को तलाशने की बजाए पुलिस केवल इसकी लीपापोती में जुटी रही। रविवार को भी विरोध में सड़कों पर उतरे लोगों को पुलिस केवल सकुशल बरामदगी का कोरा आश्वासन देती रही। वहीं सोमवार को बालक का शव पुराने किले के पास कुएं में मिलने से हर कोई पुलिस की बरती गई हीलाहवाली को कोसता रहा। उसकी हत्या करके शव को कुएं में फेंका गया था।

ये कहना है लोगों का

लोगों का कहना है कि 14 अप्रैल को घर के बाहर खेलते हुए 9 साल का नितिन अगवा किया गया था। शुरू से पुलिस इसे गंभीरता से ले लेती तो बालक की सकुशल बरामदगी हो सकती थी। यदि पुलिस ने अगवा बालक की खोजबीन की तो कुएं में शव कैसे मिला। इससे यह साफ होता है कि बालक को अगवा करके अड़ींग में रखा गया था। सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन को 24 घंटे भी नहीं बीते कि बालक की सकुशल बरामदगी तो पुलिस नहीं कर पाई, पर उसका शव जरूर कुएं में मिल गया। एसपी देहात श्रीशचंद ने बताया कि शुरू से ही पुलिस अगवा बालक की तलाश कर रही थी, पर सकुशल बरामदगी नहीं हो सकी।

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