सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर घर को शुद्ध पेयजल सुलभ कराने के पीएम के सपने को पूरा करना हम सभी का लक्ष्य है। इसी के तहत प्रथम चरण में प्रदेश के बुंदेलखंड-विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन को लागू किया गया। वहां लोगों को पाइप से शुद्ध पेयजल मिलना प्रारंभ हो गया है। सीएम ने कहा कि मार्च 2024 तक प्रदेश के प्रत्येक राजस्व ग्राम के हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के प्रभावी प्रयास किए जाएं। सीएम अपने सरकारी आवास पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेेंद्र सिंह शेखावत के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
सीएम ने जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, गोवर्धन योजना, नमामि गंगे परियोजना, अटल भूजल योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना, केन बेतवा लिंक परियोजना आदि की समीक्षा की। कहा कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के 23 हजार से अधिक गांवों में जहां ‘हर घर नल’ का कार्य प्रगति पर है। उन्हें आगामी 6 माह के अंदर पूरा किया जाए। जिन 18,629 ऐसे गांवों में जहां ‘हर घर नल’ योजना की डीपीआर तैयार है, उनके प्रस्ताव की स्वीकृति की प्रक्रिया प्रत्येक दशा में अगले एक माह में पूरी कर ली जाए।
डीपीआर बनाने वालीं संस्थाएं टेंडर में भाग नहीं लेंगी
सीएम ने कहा कि पारदर्शिता के मद्देनजर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विकास परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने वाली संस्था परियोजना के निर्माण अथवा क्रियान्वयन आदि के लिए होने वाली टेंडर की प्रक्रिया में भाग न लें। इस व्यवस्था को कड़ाई से लागू किया जाए।
डग्गामार वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान, सड़कों पर से अतिक्रमण भी हटेंगे
प्रदेश में डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलेगा। खास कर ऐसी बसें जो जर्जर हालत में रहती हैं और वो बसें जो नियमों का उल्लंघन करते हुए यूपी से होकर गुजरती हैं। यातायात को बेहतर बनाने के लिए सड़कों से अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा, पार्किंग की व्यवस्था बेहतर की जाएगी और हर जिले में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इंटरसेप्टर उपलब्ध कराई जाएगी। इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। मुख्यमंत्री सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रस्तुतिकरण के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 के बाद से सड़क हादसे में कमी आई है। लेकिन इसमें और सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरुक करने के लिए दो चरणों में अभियान चलाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अनफिट या बिना परमिट के स्कूली बसों का संचालन न हो। यातायात के संबंध में बच्चों को भी जागरुक किया जाए और इसके लिए स्कूलों और कालेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।