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UP Budget : वादे जमीं पर, संकल्प पत्र की 97 घोषणाओं को धरातल पर उतारने की मंशा

योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में संकल्प पत्र के वादे पूरे करने की प्रतिबद्धता दिखाई है। योगी 2.0 सरकार ने अपने पहले बजट में संकल्प पत्र की 97 घोषणाओं को शामिल किया है। इन्हें अमलीजामा पहनाने के लिए लगभग 55 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र और किसानों की बेहतरी के साथ-साथ विकास को रफ्तार देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। बजट समग्र विकास पर जोर देते हुए सभी वर्र्गों को खुश करने की कोशिश की है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का भी ध्यान रखा गया है। बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के नजरिये से सड़क नेटवर्क और एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को रफ्तार देने की मंशा जताते हुए धनराशि का प्रावधान किया है।

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में 2022-23 लिए 6,15,518.97 करोड़ का बजट पेश किया। विधान परिषद में नेता सदन स्वतंत्रदेव सिंह ने बजट पेश किया। बजट में 39,181.10 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं। खास बात यह है कि इस बजट में विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से जारी संकल्प पत्र की 97 घोषणाओं को शामिल करते हुए इसके लिए 54,883 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें 44 नई योजनाएं हैं।

बजट में विकास पर खास फोकस करते हुए सभी वर्गों को लुभाने की कोशिश की गई है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार की रफ्तार तेज करने के साथ ही गांवों, किसानों, महिलाओं, युवाओं को भी तवज्जो दी गई है। बजट के जरिये सरकार ने धर्म-संस्कृति व पयर्टन विकास के अपने एजेंडे को भी आगे बढ़ाने की भी मंशा जताई है। खास बात यह है बजट में सरकार ने सभी क्षेत्रों को कुछ न कुछ सौगात देकर क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है। आकार के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है।

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली-दिवाली पर मुफ्त सिलेंडर
योगी सरकार ने संकल्प पत्र के वादे के  अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के सभी लाभार्थियों को होली-दिवाली पर दो मुफ्त सिलेंडर देने के लिए बजट में 3,301.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

किसानों को आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसलों का न्यूनतम मूल्य
भाजपा ने संकल्प पत्र में किसानों को आलू, प्याज, टमाटर जैसी सभी फसलों का न्यूनतम मूल्य दिलाने का वादा किया था। इसके लिए 100 करोड़ रुपये से भामाशाह भाव स्थिरता कोष योजना प्रस्तावित की गई है। साथ ही बुंदेलखंड में अगले पांच वर्ष में प्रत्येक गांव में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

निषादराज बोट सब्सिडी योजना
संक ल्प पत्र की घोषणा के अनुसार मछुवारों को एक लाख रुपये तक की नाव 40 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराई जाएगी।

हर परिवार में कम से कम एक रोजगार
योगी सरकार ने चुनाव में किए गए वादे के अनुसार संपूर्ण परिवार सर्वेक्षण योजना शुरू करने का एलान किया है। इसके तहत हर परिवार में कम से एक रोजगार अथवा स्वरोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा।

दोगुनी होंगी एमबीबीएस की सीटें
संकल्प पत्र में एमबीबीएस जैसे पाठ्यक्रमों की सीटों को दोगुना किए जाने की घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए एमबीबीएस व पीजी पाठ्यक्रमों में 60:40 की वृद्धि की जाएगी। इसके लिए 500 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। साथ ही बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर,  गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात, कौशांबी तथा अमेठी में स्वशासी राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना केलिए भी बजट प्रावधान किया गया है।

बुजुर्ग पुजारियों, संतो-पुरोहितों का लिए बनेगा बोर्ड
संकल्प पत्र की घोषणा के अनुसार सरकार ने बजट में बुजुर्ग पुजारियों, संतो व पुरोहितों के कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बोर्ड के गठन का एलान किया है।

स्मार्ट फोन व टैबलेट के लिए 1500 करोड़
विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत युवाओं को स्मार्ट फोन व टैबलेट वितरण के लिए बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

गेंहू व धान खरीद के लिए 17,500 करोड़
समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान खरीद को मजबूत करने के लिए बजट में 17,500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा का बजट बढ़ाया
सरकार ने संकल्प पत्र के वादों के मुताबिक समाजिक सुरक्षा का बजट डेढ़ से दो गुना बढ़ाया है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़, निराश्रित महिला पेंशन योजना के लिए 4,032 करोड़, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लिए 30 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन के लिए 7053.56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, पर भी मेहरबानी
योगी सरकार ने बजट में अयोध्या, गोरखपुर व वाराणसी पर भी मेहरबानी दिखाई है। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण को पूरा करने के लिए 201 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 512 करोड़ तथा इसके दोनों तरफ औद्योगिक गलियारे के लिए 29 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वाराणसी में रोप-वे के लिए 82 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वाराणसी में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव है। प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।

वाराणसी व गोरखपुर मेट्रो परियोजना भी पकड़ेगी रफ्तार
वाराणसी एवं गोरखपुर में मेट्रो रेल परियोजना को रफ्तार देने के लिए बजट में 100 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है।

बीते वर्ष के मुकाबले 11.86 फीसदी ज्यादा बजट
योगी सरकार द्वारा पेश किया गया 2022-23 का बजट 2021-22 के बजट के मुकाबले 11.86 फीसदी ज्यादा है। बीते साल वित्तमंत्री ने 5,50,270.78 करोड़ करोड़ रुपये का बजट पेश किया था जबकि आज पेश किए गए बजट का आकार 6,15,518.97 करोड़ रुपये है।

39,181.10 करोड़ की नई योजनाएं
योगी सरकार द्वारा पेश किए 2022-23 के बजट में 39,181.10 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं।

बजट एक नजर में

  • कुल बजट : 6,15,518.97 करोड़ रुपये
  • प्राप्तियां : 5,90,951.71 करोड़ रुपये
  • राजस्व बचत : 40,550.03 करोड़ रुपये
  • राजकोषीय घाटा : 81,177.97 करोड़ रुपये (सकल घरेलू उत्पाद का 3.96 फीसदी)


कहां से मिलेगा कितना राजस्व
जीएसटी :             1,24,477 करोड़
आबकारी शुल्क :        49,152 करोड़
स्टांप एवं पंजीकरण :        29,692 करोड़
वाहन कर :            10,887 करोड़    


ऐसे बढ़ा योगी सरकार के बजट का आकार

वर्ष            धनराशि (करोड़ रुपये में)        वृद्धि (प्रतिशत)
2017-18                 3,84,659.71            10.87
2018-19        4,28,384.52            11.36
2019-20        4,79,701.10            11.97
2020-21        5,12,860.72            06.46
2021-22        5,50,270.78            07.29
2022-23        6,15,518.97            11.86

संकल्प पत्र के वादे जमीं पर

अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनाव संकल्प पत्र के वादे पूरे करने की प्रतिबद्धता दिखाई है। संकल्प पत्र की 97 घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए बजट में 54,883 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनमें 44 नई योजनाएं हैं। पूरे बजट में उत्तर प्रदेश के समग्र विकास पर भी जोर दिया गया है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार की रफ्तार तेज करने के साथ ही गांवों, किसानों, महिलाओं, युवाओं को भी तवज्जो दी गई है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में वर्ष 2022-23 के लिए 6,15,518.97 करोड़ का बजट पेश किया। इसमें 39,181.10 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं। बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के नजरिये से सड़क नेटवर्क और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को रफ्तार देने की मंशा है तो स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का भी ध्यान रखा गया है। बजट के जरिये सरकार ने धर्म-संस्कृति व पयर्टन विकास के अपने एजेंडे को भी आगे बढ़ाने की मंशा जताई है। खास बात यह है िक बजट में सरकार ने सभी क्षेत्रों को कुछ न कुछ सौगात देकर क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है। निजी नलकूपों के बिजली बिल में 50 फीसदी की छूट जारी रहेगी। वहीं, सड़कों व पुलों के लिए पीडब्ल्यूडी के लिए 31658 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

सबसे बड़ा बजट भी तमाम चुनावी वादों के लिए छोटा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बजट भी योगी सरकार के तमाम संकल्पों को पूरा नहीं कर पाया है। वित्त मंत्री ने जिन संकल्पों को पूरा करने का साहस दिखाया, उनमें से कई में वादे के मुताबिक बजट बंदोबस्त नहीं कर पाए हैं। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, उच्च शिक्षा हासिल करने वाली मेधावी बेटियों को मुफ्त स्कूटी व बुजुर्ग महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा जैसी सुविधाओं के लिए इंतजार बढ़ गया है।

सरकार ने जोर देकर बताया कि उसने गत विधानसभा चुनाव के दौरान लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए वादों में से 97 को शामिल कर लिया है। इनमें 44 नई योजनाएं हैं। इन वादों पर अमल के लिए 54,883 करोड़ रुपये का बंदोबस्त भी किया गया है। मगर, बजट पड़ताल से पता चलता है कि सबसे बड़ा बजट भी तमाम वर्गों से किए गए वादों पर अमल का रास्ता नहीं निकाल पाया।

मसलन, संकल्प पत्र का पहला वादा था, अगले पांच वर्षों में सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाएगी। इसी तरह कॉलेज जाने वाली मेधावी छात्राआें को रानी लक्ष्मी बाई योजना के तहत मुफ्त स्कूटी व 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने की बात कही गई थी। चुनाव में सर्वाधिक प्रचारित इन तीनों वादों के लिए बजट में पैसे का बंदोबस्त नहीं हो सका।