सपा ने लोकसभा की आजमगढ़ सीट के उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से खाली हुई इस सीट पर उनकी पत्नी व पूर्व सांसद डिंपल यादव चुनाव लड़ सकती हैं। इसे लेकर चर्चा तेज है। हालांकि पूर्व सांसद रमाकांत यादव का नाम भी सुर्खियों में हैं। मंगलवार शाम विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद वे अखिलेश से मिलने भी पहुंचे थे।
यादव और मुस्लिम बहुल आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 1996, 1999 और 2004 में सपा के टिकट से और 2009 में भाजपा के टिकट पर रमाकांत यादव सांसद चुने गए थे। अब वे इसी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली फुलपुर पवई से सपा विधायक हैं। यहां 2014 में मुलायम सिंह यादव और 2019 में अखिलेश यादव सांसद बने। विधान सभा चुनाव में करहल से विधायक बनने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ से इस्तीफा दे दिया है।
अब यहां उपचुनाव हो रहा है। यहां से बसपा ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा है। भाजपा भी यादव उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। यहां की सभी 10 सीटों पर सपा के विधायक हैं। ऐसे में सपा किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि आजमगढ़ उपचुनाव के लिए डिंपल यादव के नाम पर विचार चल रहा है। सैफई परिवार के दूसरे सदस्यों को लेकर भी विचार किया जा रहा है।
इस बीच पार्टी के एक धड़े का मानना है कि पूर्व सांसद रमाकांत यादव पर ही दोबारा दांव लगाया जा सकता है। क्योंकि वे स्थानीय हैं। जनता के बीच मजबूत पकड़ होने से वोटों का बिखराव भी नहीं होगा। लेकिन जिलाध्यक्ष हवलदार यादव और अन्य स्थानीय नेता भी अपनी वफादारी का हवाला देकर टिकट मांग रहे हैं। फिलहाल आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव की प्रत्याशी डिंपल यादव होंगी या कोई और, इसे लेकर कयासबाजी तेज है।