कानपुर बवाल के मुख्य साजिशकर्ता हयात एंड कंपनी से एसआईटी के विवेचक ने जेल में कई घंटे की पूछताछ की। भीड़ जुटाने की बात तो उसने स्वीकार की लेकिन बवाल कराने की साजिश रचने से वह इनकार करता रहा। वह खुद को बेगुनाह बता रहा था। हालांकि उसके संगठन को फंडिंग करने के मामले में उसने एक बिल्डर समेत कई कारोबारियों के नाम बताए। एसआईटी ने इस तथ्य के सत्यापन की कार्यवाही शुरू कर दी है।
नई सड़क पर हुए बवाल में बेकनगंज थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं। विवेचना बेहतर हो इसलिए डीसीपी साउथ संजीव त्यागी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। अब एसआईटी जांच कर रही है। कोर्ट की अनुमति लेकर विवेचक ने जेल में बंद हयात जफर हाशमी, जावेद अहमद, सूफियान व राहिल से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक बवाल की साजिश किस तरह की गई? इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं और फंडिंग कहां से होती है? ये सवाल विवेचक ने पूछे।
जफर ने खुद को निर्दोष बताते हुए बोला कि बवाल की कोई साजिश नहीं थी। बाजार बंदी की कॉल थी जिसको भी वापस ले लिया गया था। हालांकि व्हाट्सएप चैट पर बंदी के खेल के बारे में जब पूछा गया, तो वह खामोश हो गया। उसने शहर के एक बड़े बिल्डर, चमनगंज के कई कारोबारियों के नाम बताए हैं। दावा किया कि ये लोग उसके एसोसिएशन को फंड देते रहे हैं। इसलिए अब यह सभी राडार पर आ गए हैं।
बोला..भीड़ आगे चली गई, हम नहीं गए, सच कुछ औरएसआईटी की जांच में सामने आया कि नूर मस्जिद में जफर ने जुमे की नमाज पढ़ी थी। उसके बाद वह दादामियां चौराहे पर आ गया था। यहां पर भारी भीड़ इकट्ठा हुई। पूछताछ में उसने बताया कि वह भीड़ को आगे जाने से रोक रहा था लेकिन लोग नहीं माने। इसलिए वह वहां से चला गया। मगर एसआईटी की जांच में सामने आया कि वह बाजार बंदी को लेकर आह्वान कर चुका था। जब बवाल भड़का तो, वह अपने तीन साथियों के साथ वहां से निकल गया।
एक बड़ी शख्सियत के इशारे पर बंद हुई थी रहमानी मार्केट
हयात एंड कंपनी के साथ शहर के कई नामचीन लोग बाजार बंदी के लिए लगे हुए थे। इन्हीं में से एक ने दो जून की रात ढाई बजे एक व्यापारी नेता को फोन कर रहमानी मार्केट बंद करने के लिए कहा था। रहमानी मार्केट की बंदी की पुष्टि हयात के व्हाट्सएप गुप से भी हुई थी।
दोबारा मेडिकल कराया, कइयों के बयान लिए
केस के वादी मुकेश बाथम गंभीर रूप से घायल हुए हैं। तीन चार दिनों तक उर्सला में वह भर्ती रहे थे। बाद में डिस्चार्ज कर दिए गए थे। बुधवार रात घर पर ही उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी। उनको उल्टियां होने लगी थीं, जिसके बाद वह दोबारा अस्पताल में भर्ती हुए। एसआईटी उनका दोबारा मेडिकल करवा रही है, क्योंकि मुकेश के सिर में गंभीर चोट है। साथ ही एसआईटी ने हाता निवासी समेत कई पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए।