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प्रदेश के विभिन्न शहरों में हो रहे अनियोजित विकास के लिए अब विकास प्राधिकरणों को जिम्मेदार माना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विकास प्राधिकरणों को प्लानिंग के साथ शहरों के विस्तार के लिए लैंड बैंक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इससे जहां शहरों के अनियोजित विकास पर लगाम लगेगा, वहीं विकास प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति भी सुधरेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास करने की कार्यवाही को और पारदर्शी बनाने के साथ नक्शा स्वीकृत करने में तेजी से काम करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास करने से संबंधित आवेदन के लंबित होने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए आवेदकों को बुलाकर मौके पर ही आपत्तियों का निस्तारण कराके नक्शा पास करने के भी निर्देश दिए हैं। प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्र स्वीकृति के प्रकरणों का तत्काल निस्तारण के निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि ऐसे मामलों में टाउन प्लानर और आर्किटेक्ट के परामर्श के अनुसार आवेदनकर्ता को बुलाकर समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को आवास एवं विकास प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अधिकारियों को कार्यशैली में बदलाव लाने की नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश की 24 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरों में रहती है। इसलिए उनको बेहतर अवस्थापना सुविधाएं देने का काम विकास प्राधिकरणों का भी है। उन्होंने सभी विकास प्राधिकरणों को आगामी 50 साल की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भावी कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार स्वस्थ एवं प्रदूषण मुक्त शहर, शहर का समावेशी विकास, उच्चस्तरीय आधुनिक नगरीय सुविधाएं और ई-गवर्नेंस के लिए प्रतिबद्ध है। नगर नियोजन करते समय हमें भविष्य की जरूरतों और जन आकांक्षाओं का ध्यान भी रखना होगा। उन्होंने कहा कि हर विकास प्राधिकरण में नियोजन का कार्य टाउन प्लानर व प्रोफेशनल से ही कराया जाए।
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