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आखिरकार पार्टी में बड़ी बगावत के बाद शिवसेना के नरम पड़ने के संकेत हैं। वह एनडीए की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकती है। इस बारे में औपचारिक एलान पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे करेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने यह संकेत देते हुए इस फैसले की वजह भी बताई है।
राउत ने कहा कि सोमवार को हमने शिवसेना की बैठक में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन के मुद्दे पर चर्चा की। मुर्मू को समर्थन करने का मतलब यह नहीं है कि हम भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। हम आदिवासी नेता के नाम पर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकते हैं। हम पहले भी ऐसे फैसले लेते रहे हैं।शिवसेना किसका समर्थन करेगी यह एक दो दिन में स्पष्ट हो जाएगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस पर निर्णय करेंगे।
प्रतिभा पाटिल व प्रणब मुखर्जी एनडीए के नहीं थे
राउत ने आगे कहा कि विपक्ष जीवित रहना चाहिए। विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के प्रति भी हमारी सद्भावना है। पूर्व में हमने राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। वे एनडीए की प्रत्याशी नहीं थीं। हमने प्रबण मुखर्जी का भी समर्थन किया था। राउत ने कहा कि शिवसेना किसी दबाव में फैसला नहीं करती।
पार्टी सांसद मुर्मू के पक्ष में
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर हुई बैठक में शिवसेना के कई सांसदों ने मुर्मू के समर्थन के पक्ष में राय प्रकट की थी। इस बैठक में संजय राउत कथित तौर पर अलग-थलग पड़ गए थे।उन्होंने शिवसेना द्वारा विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के समर्थन की अपील की थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे पार्टी के अधिकांश सांसदों की राय से सहमत होकर मुर्मू के समर्थन का एलान कर सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा।
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