Delhi High Court: आप बच्चे को जन्म दीजिए, गोद लेने वालों की कमी नहीं, कोर्ट ने कहा-हम पूरा खर्च वहन कर लेंगे पर…
July 16, 20229 Views
दिल्ली हाईकोर्ट ने अविवाहिता को 23वें हफ्ते में गर्भपात की अनुमति देने से इन्कार कर दिया। अदालत ने कहा, ऐसा करने की अनुमति भ्रूण की हत्या करने जैसा है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा, बच्चे को जन्म देने तक याचिकाकर्ता को सुरक्षित स्थान पर रखा जाए, उसके बाद नवजात बच्चे को गोद दे दिया जा सकता है। पीठ ने कहा, आज बच्चे को गोद लेने वालों की कमी नहीं है। कई लोग कतार में हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, अविवाहित होते हुए गर्भधारण करना और मां बनने की इस अवस्था में याचिकाकर्ता बेहद मानसिक तनाव में है। ऐसी हालत में वह बच्चे को पैदा नहीं कर पाएगी और फिर उसकी परवरिश भी बहुत मुश्किल होगी।
उसे अच्छे से अच्छे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा और बेहतर चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जाएगी। चीफ जस्टिस ने कहा, यही नहीं मैं पूरा खर्चा अपनी तरफ से करने की भी पेशकश करता हूं लेकिन इस वक्त गर्भ में बल रहे बच्चे की हत्या करने की अनुमति नहीं दे सकता।
वकील का तर्क… यह भेदभावपूर्ण है याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि अविवाहित महिलाओं के मामलों के लिए 20 सप्ताह के बाद गर्भपात कानून के तहत गर्भपात तलाकशुदा महिलाओं और कुछ अन्य श्रेणियों की महिलाओं को 24 सप्ताह तक की राहत उपलब्ध होने के मद्देनजर भेदभावपूर्ण है।