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एक महीने से लापता बाघिन राजाजी पार्क की पश्चिमी सीमा पर घूमती मिली

एक महीने से लापता बाघिन आखिरकार राजाजी पार्क की पश्चिमी सीमा पर घूमती मिल गई। वह एक कैमरे में ट्रैप हुई है। इसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है। बीते दस दिनों से प्रभारी निदेशक राजीव धीमान खुद चार टीमों के साथ बाघिन की खोज में जुटे थे। धीमान ने बताया कि बाघिन की तलाश के लिए चार सर्च टीमें लगाई गई थीं। सोमवार को एक कैमरे में बाघिन की तस्वीर कैद हो गई। मंगलवार सुबह जब कैमरों की जांच की गई तो लोकेशन मिल गई, जो राजाजी पार्क की ही पश्चिमी सीमा के आसपास थी। ‘हिन्दुस्तान’ ने 11 अक्तूबर के अंक में बाघिन के लापता होने की खबर छापी थी। इसके बाद वन विभाग ने बाघिन की तलाश शुरू की थी। पचास किमी दूर तक चली गई बाघिन : यूं तो बाघ अपने इलाके में करीब 24 वर्ग किमी तक ही घूमता है। लेकिन, कई बार ये सौ किमी तक चले जाते हैं। बाघिन भी ट्रांसलोकेशन की जगह यानी मोतीचूर से करीब पचास किमी घूमते हुए रामगढ़ रेंज से होकर बेरिवाड़ा से कांसरो की तरफ निकल गई। तीन बाघ-बाघिन और लाएंगे राजाजी में दो साल पहले भी एक बाघिन गायब हुई थी, जिसका आज तक पता नहीं चला। 2018 में पार्क में बाघों के शिकार का मुद्दा उठा था। बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए जल्द ही कॉर्बेट से दो बाघ और एक बाघिन राजाजी लाई जाएंगी। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि ट्रांसलोकेशन की तैयारियां चल रही हैं।