सीएम योगी ने यूपी पुलिस के लिए किया ये बड़ा ऐलान, जानिए क्या
आज पुलिस स्मृति दिवस है। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ पुलिस लाइन पहुंचकर शोक परेड की सलामी ली और 263 पुलिसकर्मियों और अद्र्धसैनिक बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी। सीएम योगी ने पुलिस कल्याण से जुड़े कई ऐलान किए। इनमें पुलिसकर्मियों को अब साइकिल भत्ते की जगह मोटरसाइकिल भत्ता और पांच लाख रुपए तक के मेडिकल खर्च को डीजीपी द्वारा स्वीकृत किए जाने की घोषणा शामिल है।
गौरतलब है कि पुलिस विभाग में अंग्रेजों के समय से उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर), मुख्य आरक्षी और आरक्षी को साइकिल भत्ता दिए जाने की व्यवस्था चली आ रही थी। योगी सरकार ने इसे बंद कर दिया है। इसकी जगह अब मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाएगा। पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर सीएम योगी ने यूपी पुलिस की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि 2021-2022 में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्यौच्छावर करने वाले शहीदों में यूपी पुलिस के बहादुर पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारीजनों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार उनकी सभी जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमेशा तत्पर रहेगी। सीएम ने कहा कि यूपी पुलिस ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानकर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने, अपराधों पर नियंत्रण करने और प्रदेश के सौहार्द को स्थापित करने और विशेषकर बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने प्रयागराज कुंभ, पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव और कोविड-19 महामारी के दौरान पुलिस की भूमिका की सराहना की।
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्तव्य पालन के दौरान शहीद पुलिसकर्मियों के साथ-साथ केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों, अन्य प्रदेशों के अपने सैन्य बलों और भारतीय सेना में कार्यरत मूल रूप से यूपी के रहने वाले 581 शहीदों के आश्रितों को 141 करोड़ 9 लाख रुपए की सहायता दी गई। उन्होंने पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों की सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा व्यय की जा रही धनराशि के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर सीएम योगी ने बलिदानी उपनिरीक्षक वीरेन्द्र नाथ मिश्रा और कादिर खां, मुख्य आरक्षी मुनील कुमार चौबे, आरक्षी सर्वेश कुमार, सुमित कुमार, ललित कुमार और मनीष कुमार के स्वजनों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में एक सितंबर, 2021 से 31 अगस्त, 2022 तक की अवधि में कर्तव्यों की रक्षा करते हुए शहीद हुए सात पुलिसकर्मियों की शौर्य गाथा भी सुनाई गई।
वीरों की शौर्यगाथा
– 28 दिसंबर, 2021 को मुजफ्फरनगर में तैनात आरक्षी सुमित कुमार एक मामले में वांछित आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम के साथ हरियाणा के करनाल गए थे। वहां आरोपितों को किसी तरह पुलिस के आने की भनक लग गई। वे कार से भागने लगे। पुलिस टीम ने जीप से उनका पीछा किया। इसी दौरान पुलिस की गाड़ी हादसे की शिकार हो गई। इसमें गंभीर रूप से घायल हुए आरक्षी सुमित कुमार की मृत्यु हो गई।
-फतेहपुर के थाना सुलतानपुर घोष में तैनात सब इंस्पेक्टर वीरेन्द्र नाथ मिश्रा 31 मार्च, 2022 को थाने के पास वाहन चेकिंग कर रहे थे। वीरेन्द्र नाथ के रोकने पर बाइक सवार पिता-पुत्र ने जान से मारने की नीयत से उन पर गाड़ी चढ़ा दी। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। वीरेन्द्र नाथ को सीएचसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गौतमबुद्धनगर के थाना दादरी में तैनात रहे सब इंस्पेक्टर कादिर खां 17 जुलाई, 2022 को हत्या के एक मुकदमे में सुरागरसी के लिए मेरठ जा रहे थे। रास्ते में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर हुई दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत मेरठ के सुभारती अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
-प्रयागराज के थाना सरायइनायत में तैनात रहे मुख्य आरक्षी मुनील कुमार चौबे 17 जनवरी, 2022 को सहसों चौराहे पर यातायात और शांति-व्यवस्था सम्भाल रहे थे। इसी दौरान एक बेकाबू पिकप ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल मुनील की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।
-10 मार्च, 2022 को नोएडा में आरक्षी सर्वेश कुमार यातायात व्यवस्था संभालने के लिए कंटेनर डिपो जा रहे थे। रास्ते में उनकी बाइक में कंटेनर ने टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में आरक्षी की मौत हो गई।
-27 जनवरी, 2022 को गाजियाबाद में आरक्षी ललित कुमार ड्यूटी पर जा रहे थे। रास्ते में अज्ञात वाहन की टक्कर से ललित गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ललित को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
-बागपत में नियुक्त आरक्षी मनीष कुमार 14 अक्टूबर, 2021 न्यायालय द्वारा जारी एक समन तामील कराने के लिए बुलंदशहर जा रहे थे। रास्ते में रोडवेज बस की चपेट में आने से उनकी मृत्यु हो गई थी।