छह घंटे तक चले ऑपरेशन में डॉ.मयंक त्रिपाठी और उनकी टीम को मिली सफलता
-सुरेश गांधी
वाराणसी : महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान में बलिया निवासी 55 वर्षीय मरीज की पेट से 30.5 किलो का ट्यूमर निकाला गया। ट्यूमर इतना बड़ा था कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर भी भौचक्के रह गए। तीन डॉक्टरों ने करीब छह घंटे की सर्जरी के बाद ट्यूमर को निकालने में सफलता हासिल की। डॉक्टरों का दावा है कि उन्होंने सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है। किसी भी कैंसर अस्पताल में यह पहला मामला है। उनके मुताबिक मरीज पेट के बढ़ते आकार और दर्द की शिकायत लेकर महामना कैंसर अस्पताल इलाज कराने पहुंचा था। इलाज के दौरान जांच में डॉक्टरों ने पेट में ट्यूमर पाया। कैंसर अस्पताल के सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मयंक त्रिपाठी और उनकी टीम ने सर्जरी की। डॉक्टर मयंक ने बताया कि ट्यूमर का आकार इतना बड़ा था कि मरीज का चलना फिरना दुश्वार हो गया था। मरीज को रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा था, जो एक तरह का दुर्लभ कैंसर होता है। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. मयंक त्रिपाठी के साथ ही डॉ. विदूर, डॉक्टर रविंद्र वर्मा शामिल रहे।
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी। भविष्य में भी इसी लगन और प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. मयंक ने बताया कि मरीज का ट्यूमर पेट के अंदर मुख्य खून की नलियों के पास था। जो बेहद संवेदनशील स्थान है, इसलिए इसे निकालने में 6 घंटे तक लगातार सर्जरी चलती रही। ट्यूमर का आकार 64 सेमी. लंबा, जबकि 46 सेमी. चौड़ा है। ट्यूमर का वजन 12 नवजात शिशुओं के वजन के बराबर है। यह अब तक देश का रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा का सबसे बड़ा कैंसर युक्त ट्यूमर है। डॉ. मयंक के अनुसार मरीज को रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा के साथ ही किडनी का भी कैंसर था। सर्जरी के दौरान दोनों ट्यूमर को एक साथ निकाला गया। अस्पताल में 10-12 किलोग्राम के ट्यूमर अक्सर सर्जरी कर निकाला जाता है, लेकिन अब तक इतना बड़ा ट्यूमर पहली बार सफलतापूर्वक निकाला गया है।