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तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में सीएचसी स्टाफ को किया गया प्रशिक्षित

कोटपा अधिनियम, 2003 की धाराओं के बारे में भी दी गई जानकारी

लखनऊ : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में स्टाफ नर्स, काउन्सलर और गैर संचारी रोगों के स्टाफ लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया| इस अवसर पर कार्यकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. बिमल बैसवार ने कहा कि तंबाकू का सेवन जानलेवा साबित होता है| चाहे वह किसी भी रूप में लिया जाये| उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि वह चिकित्सालयों में आने वाले लोगों और समुदाय में भी लोगों को तंबाकू और इसके उत्पादों के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जरूर बताएं| किशोरावस्था में तंबाकू के सेवन से नपुंसकता तक आ सकती है| शराब, ड्रग्स, तंबाकू के सेवन से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है| इसलिए तंबाकू सेवन बिलकुल भी न करे|

जिला तंबाकू सलाहकार डा. मयंक चौधरी ने तंबाकू और तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में सभी को अवगत कराया गया| खैनी, जरदा, हुक्का, तंबाकू युक्त पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट,मावा मिसरी, गुल एवं अन्य धुआँ रहित तंबाकू में विषैले और कैंसर कारक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे मुंह का कैंसर हो सकता है| लगभग 95 प्रतिशत मुंह का कैंसर तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्तियों में होता हैं| डा. मयंक ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा), 2003 के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि कोटपा अधिनियम, 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध है | इसके साथ ही तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध है, 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और व्यक्ति के द्वारा तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है| शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है| उन्होंने बताया कि तंबाकू या तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना अनिवार्य है| अधिनियम के प्रावधानों का पालन न करने पर अर्थदंड या कारावास का प्रावधान है।

बलरामपुर जिला अस्पताल स्थित तंबाकू उन्मूलन केंद्र की काउन्सलर डा. रजनीगंधा श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र पर न केवल तम्बाकू छोड़ने के बारे में काउंसलिंग की जाती है बल्कि निःशुल्क दवाएं भी दी जाती हैं | वहाँ पर आए लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है | प्रक्षिणार्थी लोगों को इस केंद्र के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दें ताकि लोग इस केंद्र का लाभ उठा पाएं | स्वयंसेवी संस्था वॉलएन्ट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया(वीएचएआई) के प्रतिनिधि जे.पी.शर्मा ने पावरप्वाइंट प्रेसेंटेशन के मध्यम से बताया कि तंबाकू और तंबाकू उत्पादों के सेवन से केवल शारीरिक नुकसान नहीं होता है बल्कि आर्थिक नुकसान भी पहुंचता है| उन्होंने कहा कि जो लोग स्वयं तो धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन फिर भी इसके दुष्प्रभावों का शिकार हो जाते हैं| ऐसा पैसिव स्मोकिंग( स्मोकिंग करने वालों के बीच में रहकर अनजाने में धुएं का सेवन के कारण होता है| ऐसे लोगों के फेफड़े धुएं या धूम्रपान के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं| इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सोमनाथ, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के पूर्व नोडल अधिकारी एवं सेवानिवृत्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.के.चौधरी, सभी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक और स्टाफ, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण इकाई के सदस्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित रहे|