Sunday , December 22 2024

Uttarakhand बना पशु सखी ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने वाला देश का तीसरा राज्य

सीएम धामी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया शुभारम्भ, 23 सहायक कार्यकत्रियों को बांटे किट

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कड़ी मेहनत का सिला एक बार फिर देखने को मिला है। दरअसल, उत्तराखण्ड पशु सखी ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पशु सखियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह योजना भारत सरकार से वित्त पोषित है। इस मौके सीएम धामी ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 23 सहायक कार्यकत्रियों को किट वितरित किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि मध्य प्रदेश और कश्मीर के बाद उत्तराखण्ड पशु सखी टै्रनिंग प्रोग्राम शुरू करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनाया जा सकता है। भारत सरकार की विभिन्न क्षेत्रों की योजनाओं का उत्तराखण्ड में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने की अच्छी संभावनाएं हैं। यह देश के लिए हर क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बन सकता है। सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्वकाल में आज देशभर में करीब 23 करोड़ महिलाओं को जन धन खातों के साथ ही सर्वाधिक विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे महिला शक्ति को मिल रहा है। आगे कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने भी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण का संपूर्ण लाभ देने के लिए जिस तेज गति से काम किया, उससे आप राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को समझ सकते हैं।

पशु सखी प्रशिक्षण के पश्चात हेल्प कार्यकत्री पशुपालन विभाग एवं पशुपालकों के बीच संयोजक कड़ी का काम करेंगी तथा पशुपालकों को सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करायेगी। हेल्प योजना द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को विभिन्न योजनाओं में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। हेल्प कार्यकत्री, क्षेत्र के समस्त पशुधन और कुक्कुट संख्या का रिकॉर्ड भी ब्लॉक स्तर के पशु चिकित्सकों के साथ साझा करेंगी। इससे पशुपालन गतिविधियों का क्रियान्वयन आसान तो होगा ही दुग्ध उत्पादन पर भी सीधा असर पड़ेगा। इसके अलावा वे चारा उत्पादन के लिये पशुपालकों को प्रोत्साहित भी करेंगी जिससे वे चारे की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनें। प्रत्येक ए-हेल्प कार्यकत्री को फर्स्ट-एड किट भी दी जायेगी जिससे वे पशुपालकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।