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एसएमएस लखनऊ के वैदिक विज्ञान केन्द्र के तत्वाधान में योग शिविर का आयोजन

लखनऊ : योग भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का एक अभिन्न अंग रहा है । महर्षि पतांजलि ने पांच हजार वर्ष पूर्व योग को मानव जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि ‘‘योगश्चित्तवत्तिनिरोधः अर्थात् योग चित्त की वृतियाँ का निरोध है।’’ भगवद् गीता में श्रीकृष्ण ने भी योग को प्राथमिकता देते हुए कहा कि ‘‘योगः कर्मसु कौशलम अर्थात् कर्मों में कुशलता को योग कहते हैं।’’ योग की शक्ति को पहचानते हुए स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साईसेज लखनऊ द्वारा 15 अप्रैल, 2015 को वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गयी जिसका उद्देश्य योग की शिक्षा-दीक्षा देना है। वैदिक केन्द्र के स्थापना वर्ष से अब तक संस्थान कई योग शिविरों का आयोजन कर चुका है और हमारे शिक्षको और विद्यार्थियों को इसके लाभ के विषय में भी अवगत करा चुका है। हर योग शिविर में शिक्षक एवं विद्यार्थी, योग गुरूओं के निर्देशन में, लाभान्वित होते रहते है ।

आज जब पूरा विश्व 9वॉ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है तो हमारे संस्थान में भी योग शिविर का आयोजन 15 मई 2023 से 21 जून 2023 तक किया गया, जिसमें भारी संख्या में गणमान्य अधिकारी, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया । योगशिविर में योग सिखाने का प्रतिदिन का कार्य प्रो0 डॉ0 भरत राज सिंह ने किया तथा 21 जून 2023 के आयोजन का संचालन श्री मुकेश सिंह, योग प्रशिक्षक, व दूरदर्शन केन्द्र के अधिकारी द्वारा कराया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्यामेंद्र मिश्रा, पार्षद, गोसांईगंज उपस्थित होकर छात्र / छात्राओं व शिक्षकफगणों को योग को अपने जीवन का अंग बनाने हेतु अह्वाहन किया और बताया कि इससे मन, हृदय व शरीर में स्फूर्ति व सामंजस्य स्थापित होता है।

संस्थान के सचिव व मुख्य कार्यकारी अधिकारी शरद सिंह ने योग दिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये कि ‘‘योग भारतीय परम्परा रही है जिसके माध्यम से हम अपने मन-मस्तिष्क को साध सकते है और शरीर को स्वस्थ्य बना सकते हैं। श्री सिंह ने कहा कि योग के माध्यम से हम अपना मानसिक सन्तुलन एवं एकाग्रता को बेहतर बना सकते हैं ।’’ निदेशक डॉ0 मनोज मेहरोत्रा ने सभी अतिथियो व प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा अपने वक्तव्य में समझाया कि योग से हम असीमित ज्ञान की वृद्धि कर सकते है ।

महानिदेशक (तकनीकी) डॉ0 भरत राज सिंह ने सभी उपस्थित अधिकारियों को ‘‘योग के आठ महत्वपूर्ण अंगों : यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि के सार को बताय। यह भी उद्धृत किया है कि योग की साधना प्रतिदिन करनी चाहिए इससे हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है और हम दीर्घायु को प्राप्त होते है।’’ मुकेश सिंह, योग प्रशिक्षक, जो कि विगत 09- वर्षों से योग और ध्यान की शिक्षा, विद्यार्थियों एवं समाज के अन्य वर्गों को दे रहे है, ने ‘‘योग के चमत्कारिक प्रमाण और इससे हमारे शरीर पर प्रमाणित असर के बारे में अवगत कराया। उन्होने कहा कि योग के माध्यम से हम स्वस्थ जीवन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।’’

अन्तर्राष्ट्रीय योग शिविर के आयोजन में संस्थान के अधिकारी डॉ0 जगदीश सिंह-मुख्य महाप्रबन्धक; डॉ0 धर्मेन्द्र सिंह-एसो0 निदेशक, डॉ0 पी0के0 सिंह-अधिष्ठाता, डॉ0 आशीष भटनागर, प्राचार्य(प्रबन्धन व एल.यू. कोर्ष), आमोद पांडेय, प्राचार्य (डिप्लोमा), डा. आशा कुलश्रेष्ठ-विभागाद्यक्ष, डा. अमरजीत सिह-विभागाद्यक्ष, सुरेन्द्र श्रीवास्तव-महाप्रबन्धक, मिशन), डा. वी.बी. सिह- सन्युक्त निदेशक(ऐडमिशन), एस.एन. शुक्ला-कुलसचिव, डा. वेद कुमार व अन्य विद्वत शिक्षकगणों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं ने भारी उत्साह से प्रतिभाग किया ।