एफएलसी वर्कशॉप में 31 जिलों के निर्वाचन अधिकारी प्रतिभाग किये, प्रशिक्षण सत्र के दौरान इंजीनियरों द्वारा एफएलएसी की लाइव ट्रेनिंग दी गयी
–सुरेश गांधी
वाराणसी : लोकसभा चुनाव की तैयारियों में प्रशासनिक अमला अभी से जुट गया है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में मंगलवार को सर्किट हाउस सभागार में एफएलसी वर्कशॉप में पूर्वांचल के 31 जिलों के जिलाधिकारियों व जिला निर्वाचन अधिकारियों को ईवीएम व वीवी पैट मशीनों के कुशल संचालन के लिए प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान इंजीनियरों द्वारा एफएलएसी की लाइव ट्रेनिंग दी गयी। इस दौरान संबंधित अधिकारियों द्वारा हैंड्स-ऑन भी किया गया। इसके अलावा अवर सचिव द्वारा जिलों में आयोजित होने वाली एफएलएसी ट्रेनिंग को लेकर कुछ आवश्यक बिंदुओं को सभी के समक्ष रखा गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य अतिथि मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने अस पहल के लिए निर्वाचन आयोग की सराहना करते हुए कहा कि यहां निर्वाचन से संबंधित सब कुछ सिस्टमैटिक व गाइडेड रूप में उपलब्ध है। पूरी निर्वाचन प्रक्रिया में तीन स्तम्भ ही प्रमुख होते, जिसमें वोटर लिस्ट, ईवीएम मशीन तथा कर्मचारियों की ट्रेनिंग सबसे महत्त्वपूर्ण है। इन तीनों में पारदर्शिता बेहद जरुरी है। क्योंकि इससे संबंधित अधिकारियों की मामूली चूक भी पूरे निर्वाचन पर सवालिया निशान लगा देता है। ऐसे में हमें पूरे चुनाव प्रक्रिया में सावधानी बरतनी होगी। दावा है कि यदि ये सभी ठीक रहे तो पुर्नमतगणना से भी बचा जा सकता है।
उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर को चौथा स्तम्भ बताते हुए कहा कि अक्टूबर में प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची से पहले इसे हर हाल में दुरुस्त कर लेना होगा। उन्होंने ईवीएम की फर्स्ट लेवल व सेकंड लेवल चेकिंग में पूरी सतर्कता बरतते हुए इसमें राजनीतिक दलों के लोगों को भी आमंत्रित करने तथा पूरा रिकॉर्ड रखने की अपील अधिकारियों से की। सबसे खास बात यह है कि संबंधित अधिकारी प्रशिक्षण को पूरी जिम्मेदारी से समझे और अपने जिलों के संबंधित आरओ को भी प्रशिक्षित कराएं। उन्होंने कहा कि हम पूरी जिम्मेदारी से इस कार्यशाला में प्रतिभाग करें जिससे कि हम दोषरहित चुनाव कराने में सफल हो सकें। प्रशिक्षण सत्र के दौरान अवर सचिव भारत निर्वाचन आयोग राकेश कुमार, ओपी साहनी, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष शुक्ल, उमेश चंद्र उपाध्याय उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश तथा 31 जिलों के जिलाधिकारी व संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।