नई दिल्ली : प्रेस क्लब में मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में सेव इंडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई प्रीत सिंह ने कहा कि संविधान के दिये अधिकार भी थे, लोकतंत्र भी था लेकिन हमें अपनी बात नहीं रखने दी गई और न ही आंदोलन के पाँचों चरण में एक बार भी अनुमति दी गयी; सरकार और प्रशासन लगातार हमारी आवाज़ दबा रहे हैं! हम ने 31/3, 22/5, 6/6, 10/6, 24/6/2023 को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और संबंधित विभाग को अनुमति के लिये पत्र भेजे लेकिन दिल्ली पुलिस ने कोई जवाब देना ज़रूरी नहीं समझा। हाईकोर्ट ने ऑर्डर किया लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसका भी जवाब नहीं दिया। हाईकोर्ट ने फिर से दिल्ली पुलिस को 7 दिन में जवाब देने का ऑर्डर किया लेकिन तब भी दिल्ली पुलिस का 6 दिन तक कोई जवाब नहीं और 7वें दिन रात 8 बजे अनुमति रद्द। हम तीसरी बार फिर हाईकोर्ट गये लेकिन मिली सिर्फ़ तारीख़, 8 अगस्त की महापंचायत सुनवाई की अगली तारीख़ मिली 24 अगस्त!
हमें 8 अगस्त जंतर मंतर पर जाने से रोक दिया गया, सिर्फ़ इसलिए कि हम माँग कर रहे हैं, संवैधानिक समानता का अधूरा लक्ष्य पूरा हो, संविधान के सभी अनुच्छेद सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हों, हिन्दू विरोधी भेदभाव ख़त्म हों, अनुच्छेद 25 से 31 के व्यवहार में की गई विकृति को खत्म कर सबके लिए बराबर घोषित हो, हिंदुओं हितों को नज़रंदाज़ ना किया जाए, सरकार हिंदू शिक्षा संस्थान और मंदिरों पर जो मनचाहा हस्तक्षेप कर अपनी शर्तें लाद रही है, वो बंद हो क्योंकि सरकार ऐसा गैर-हिंदू संस्थाओं पर नहीं करती। भाई प्रीत सिंह ने कहा स्वतंत्र भारत में हिंदू समाज का मान-सम्मान, क्षेत्र संकुचित होता गया है और यह प्रक्रिया चालू है। हिन्दुओ के साथ पूरे देश में भेदभाव हो रहा हैं, आज हम से हमारा आवाज़ उठाने का संवैधानिक अधिकार छीना लिया गया, मौन धारण कर सब राजनीतिक दल देख रहें हैं, लेकिन याद रखे सरकारें, अधर्म को मूक बनकर, जो मात्र निहारे जाते हैं! भीष्म हो, द्रोण हो या कर्ण हो, सब मारे जाते हैं!
वही हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी भैया ने कहा ईसाईयत और इस्लाम धर्मांतरणकारी हैं हम धर्मांतरण, घुसपैठ, गौहत्या भारत में बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे हम कठोर क़ानून की माँग के लिए लड़ रहे हैं सरकार दबा रही हैं, हम दबेंगे नहीं, पिंकी भैया ने कहा सरकार मंदिरों पर कज़्ब्ज़ा कर के बैठी है हम से जज़िया वसूला जा रहा हैं हम देखते रहे, अल्पसंख्यकों को संवैधानिक उपचार पाने का दोहरा अधिकार है, जो हिंदुओं को नहीं है। हिंदू केवल नागरिक रूप में न्यायालय से कुछ मांग सकते हैं, जबकि अन्य नागरिक और अल्पसंख्यक, दोनों रूपों में संवैधानिक अधिकार रखते हैं। ऐसा अंधेर दुनिया के किसी लोकतंत्र में नहीं कि अल्पसंख्यक को ऐसे विशेषाधिकार हों जो अन्य को न मिलें।
वही हिन्दू आर्मी चीफ़ के सुशील तिवारी ने कहा पुलिस जानती हैं हम देशभक्त हैं हम समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण क़ानून की माँग कर रहे हैं, वक़्फ़बोर्ड और पूजा स्थल क़ानून रद्द करने की माँग कर रहे हैं, हम देश में स्थाई शांति चाहते है! सुशील तिवारी ने कहा हमने सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक अपनी आवाज़ उठाई लेकिन किसी ने नहीं सुनी, हमें जेल में डाल दिया गया फ़र्ज़ी केस लगा दिये। भाई प्रीत सिंह ने अरविंद त्यागी, अधिवक्ता भाई विकासशर्मा, अधिवक्ता नीरज चौहान, अधिवक्ता योगेश अग्रवाल, अमित प्रजापति, देवेंद्र सिंह, धर्मपाल गोयल, एसएस चौहान, कपिल देव गर्ग, सुनील अंतिल, विनीत, दिनेश त्यागी, रिंकु, जयराज व अन्य साथियों की उपस्थिति में घोषणा की, कि अब हम चुनावी प्रक्रिया में भाग लेंगे, आज हमारे पास चुनावी प्रक्रिया के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचता, शुभारंभ दिल्ली से करेंगे, हम हिंदुओं को दूसरों के समान संवैधानिक अधिकार दिला कर रहेंगे।