बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव में 80 दलित और 130 गैर यादव पिछड़ी जाती के नेताओं को टिकट दिया है। ऐसा कर के पार्टी ने अपने विरोधियों के उस आरोप को झुठलाने की कोशिश की है जिसमें कहा जाता है कि बीजेपी चुनावी फायदे के लिए दलितों के सशक्तिकरण का दिखावा करती है।
बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशी राम के सहयोगी रहे आरके चौधरी और दीनानाथ भास्कर को भी बीजेपी की लिस्ट में जगह दी गई है। भले ही आर के चौधरी निर्दली पर्चा दाखिल किया है बीजेपी समर्थन करेगी | इन दोनों नेताओं ने कांशी राम के साथ यूपी में दलितों के राजनीतिक सशक्तिकरण में अहम रोल अदा किया था। खास बात यह है कि पार्टी को गैर-यादव पिछड़ों से इस चुनाव में काफी उम्मीदें हैं और पार्टी के 40% टिकट इन्हीं को दिए गए हैं। यूपी में 11 फरवरी से 8 मार्च तक सात चरणों में चुनाव होने हैं।
मंगलवार को बीजेपी ने 67 और प्रत्याशियों की घोषणा की थी जिनमें से 26 पिछड़ी जातियों से हैं। अब पार्टी की ओर से घोषित 371 उम्मीदवारों में से 130 ओबीसी हैं। 403 में से बाकी बची 32 सीटों में से 18 सीटें पार्टी ने अपने दो सहयोगी दलों- अपना दल और सुहेलदेव भारत समाज पार्टी को देने का फैसला किया है। इन दोनों ही दलों का आधार पिछड़ी जातियां ही मानी जाती हैं और इनके ज्यादातर टिकट गैर-यादव ओबीसी को ही दिए जाएंगे।