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2030 तक भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा : जगदीप धनखड़

राष्ट्रीय कंपनी सचिवों के 51वें वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए उपराष्ट्रपति

सुरेश गांधी

वाराणसी : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को एकदिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। वे यहां दीनदयाल हस्तकला संकुल, ट्रेड सेंटर में 51वें राष्ट्रीय कंपनी सचिव सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने 2030 तक भारत को बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बताते हुए कहा कि सचिव सम्मेलन के लिए काशी को चुना जाना अपने आप में महान उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जो मूलभूत परिवर्तन देश में हो रहे हैं, उसमें कंपनी सचिवों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ेगी और वे निभा भी रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप ऐसे ही शानदार प्रयास भविष्य में भी जारी रखेंगे। आप शासन के कस्टोडियन हैं। आर्थिक राष्ट्रवाद की चर्चा करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि समय आ गया है कि अब ट्रेड बिजनेस और इंडस्ट्री को एक साथ आना पड़ेगा। क्योकि दोनों साथ आएं तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था और तेजी से बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात में कहा था ’वोकल फॉर लोकल’, अगर हम इस रास्ते पर चलते हैं तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य प्रदान करेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने दुनिया की सबसे ज्यादा सुधारात्मक कर प्रणाली जीएसटी लागू की। परिणाम सबके सामने है। तकनीकी क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा हम क्वांटम कंप्यूटिंग की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे देश दुनिया में बहुत कम हैं जो इस दिशा में काम कर रहे हैं। इससे बहुत बड़ी मात्रा में रोजगार सृजन होगा।

उन्होंने कहा हम 6जी में लीड ले रहे हैं। ये बड़ी उपलब्धियां हैं। हमें इन पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने देश की मजबूत आर्थिक स्थिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक वह समय था जब हमारी आर्थिक साख को बचाने के लिए देश का सोना विदेश में गिरवी रखना पड़ा था। एक दशक पहले तक भारत को दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था। लेकिन आज 2014 से 2022 तक हमने जो यात्रा तय की वह देखने लायक है। 2022 में वह गर्व का क्षण आया जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर विश्व फलक पर उभरा और हमने इस यात्रा में ग्रेट ब्रिटेन, जिसने हम पर सैकड़ो वर्ष शासन किया और फ्रांस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा हमें कोई संदेह नहीं है कि इस दशक के अंत तक यानी 2030 तक भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।

उपराष्ट्रपति ने कहा धारा 370 की वजह से कश्मीर ने बहुत कुछ सहा है। वह अस्थायी धारा धीरे-धीरे स्थायी बन गई थी, जिसका खात्मा मोदी सरकार ने करके इतिहास रच दिया। उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित राम मंदिर का फैसला आया और आज उसका निर्माण अंतिम चरण में है। हमें इंतजार है जनवरी 2024 का जब उसका भव्य उद्घाटन होगा। उपराष्ट्रपति ने युवाओं की प्रतिभा की प्रसंशा करते हुए कहा हम भारतीय जीनियस होते हैं। हम बहुत जल्दी सीखते हैं। हमें कोई सिखाएं या ना सिखाएं हम सीख लेते हैं। हर भारतीय में एक एकलव्य है। किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि 110 मिलियन किसान साल में तीन बार अपने खातों में सीधे पैसा प्राप्त कर रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण यह नहीं है कि सरकार उन्हें पैसा भेज रही है, महत्वपूर्ण यह है कि हमारा किसान उस पैसे को सीधे अपने खाते में लेने में समर्थ बना है, तकनीकी सुधारों के कारण। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान आज विश्व स्तर पर जिस कद का है वैसा पहले कभी नहीं था। आज जब भारत के प्रधानमंत्री बोलते हैं तो दुनिया उनको सुनती है। आज भारत दुनिया के लिए एजेंडा सेट करता है। दुनिया ने देखा कैसे भारत ने पूरी दुनिया को योग दिया। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, संस्थान के सचिव डा. मनोज गोयल, संस्थान के निदेशक श्री मनीष गुप्ता, प्रेसिडेंट आशीष मोहन, सेक्रेटरी धनंजय शुक्ला, प्रोग्राम डायरेक्टर, सुनील गुप्ता सहित बड़ी संख्या में कंपनी सचिव व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

धनखड़ ने काशी विश्वनाथ मंदिर में किए दर्शन पूजन

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार शाम को श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। उप राष्ट्रपति ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर को देखा। इसके बाद गर्भगृह पहुंचे। यहां पर पूजन और अभिषेक किया। पुरोहितों ने उपराष्ट्रपति को षोडशोपचार पूजन कराया। इस दौरान उन्होंने देश की खुशहाली के लिए कामना की। उपराष्ट्रपति काल भैरव में दर्शन पूजन कर दिल्ली के लिए रवाना हों गए। कंपनी सचिवों के तीन दिवसीय अधिवेशन में शासन व तकनीक के जरिये सशक्त और सतत भविष्य से जुड़े अलग-अलग विषयों पर चर्चा की। सात सत्र में कंपनियों की कार्यपद्धति में सुधार, नीतियों और रजिस्ट्रेशन सहित अन्य कानूनों में बदलाव की गुंजाइश की संभावना तलाशी जाएगी। इसमें कानून व न्याय मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. राजीव मनी, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक्स रिसर्च के चेयर प्रोफेसर डॉ. सीए महापात्रा, नीति आयोग के पूर्व सचिव युवेंद्र माथुर, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के चेयरमैन प्रवीण कुमार गुप्ता भी हिस्सा लेंगे। केन्या, बांग्लादेश, यूके सहित कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं।