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तकनीकी में तेजी से बदलाव के चलते सीएस को लगातार अपडेट रहना चाहिए

ओडीओपी धरातल पर उतरे तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था 250 से 300 फीसदी हो जाएंगी, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसई) के जी-20 शासन और प्रौद्योगिकी के माध्यम से टिकाऊ भविष्य को सशक्त बनाना विषय पर आयोजित कंपनी सचिवों का 51वां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न, सम्मेलन में लगभग 1500 लोगों ने प्रतिभाग किया और 10000 से अधिक लोग वर्चुअली जुडे

सुरेश गांधी

वाराणसी : भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसई) के जी-20 शासन और प्रौद्योगिकी के माध्यम से टिकाऊ भविष्य को सशक्त बनाना विषय पर बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित तीन दिवसीय कंपनी सचिवों का 51वां राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को संपन्न हो गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा किया गया। सम्मेलन में लगभग 1500 लोगों ने प्रतिभाग किया। इसके अलावा 10000 से अधिक लोग वर्चुअली जुडे। इस मौके पर वक्ताओं ने विश्व में हमारे कंपनी सचिवों की मांग तेजी से बढ़ रही है। सीएस किसी भी कंपनी के मजबूत स्तंभ होते हैं। यह स्तंभ जितना क्षमतावान होगा, संबंधित कंपनी की तरक्की भी उतनी होगी। तकनीकी में तेजी से बदलाव के चलते सीएस को भी लगातार अपडेट होते रहना चाहिए।

वक्ताओं ने कहा कि हर सीएस को ग्लोबल लेवल पर अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अध्ययन का दायरा बढ़ाना होगा। बेहतर पैकेजिंग और गुणवत्ता पर जोर देना होगा। सरएस यानी कंपनी सेक्रेटरी का काम नॉलेज व जिम्मेदारी का होता है। उन्हें लगातार नई तकनीक से अपडेट होना जरूरी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई के बढ़ते प्रभाव ने सीएस के सामने नई चुनौती प्रस्तुत की है। विभिन्न सेक्टरों में एआई का बहुत उपयोग हो रहा है। ऐसे में सीएस को इस तकनीक को समझने के साथ उसकी क्षमताओं का आकलन करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्पाद की गुणवत्ता बाजार एवं पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक 20000 का मोबाइल का डिब्बा ऐसा होता कि लोग इसे बहुत समय तक संभाल कर रखते हैं। लेकिन इससे महंगी पशमीना साल की पैकेजिंग ऐसी होती है कि एक बार प्रोडक्ट इस्तेमाल करने के बाद फिर से उसकी पैकेजिंग करना संभव नहीं होता है।

वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट ओडीओपी की सराहना करते हुए वक्ताओं ने कहा कि यह बहुत अच्छी योजना है। हम इसको लेकर बहुत काम कर रहे हैं। इसे गांव व ब्लॉक स्तर तक पहुंचाने की मुहिम में सभी लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह मेरा आंकड़ा नहीं है, लेकिन कुछ रिपोर्ट की मानें तो ओडीओपी पूरी तरह से धरातल पर उतर जाता है तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था 250 से 300 फीसदी तक बढ़ जाएगी। ओडीओपी को लेकर आ रही समस्या पर उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को माइंडसेट बदलने की जरूरत है। उद्योग थोड़ा भी चल रहा है तो लोग उसे बढ़ाने का रिस्क लेना नहीं चाहते हैं। ऐसे में हम लोगों के माइंडसेट को बदलने का भी काम कर रहे हैं। इन्वेस्ट इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट व के एनालिसिस ऑफिसर डॉक्टर प्रीत दीप सिंह, प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉ राजीव राय ने तकनीकी के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियां एवं कंपनी के कुशल प्रबंधन को लेकर मंथन के साथ सवालों का जवाब भी दिया। जबकि इंस्टीट्यूट आफ सर्टिफाइड सेक्रेटरी केन्या के चेयरमैन जॉस्वा, इंस्टीट्यूट आफ डायरेक्टर यूके की काउंसलिंग मेंबर एनालिसे आदि ने विदेशों में काम के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। इसमें ये मुद्दे प्रमुख रहे।

डिजिटल समावेशन : कॉर्पोरेट नवाचार और सामाजिक प्रगति के लिए एक उत्प्रेरक

संस्थान ने अपने सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों के लाभ के लिए देश के अग्रणी संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तीन दिवसीय सम्मेलन के अवसर का भी लाभ उठाया। एमओयू से मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं : प्रूडेंट इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्रा. लिमिटेड (पीआईबीएल)- मूल्य वर्धित सेवाओं के समूह के साथ तय कॉर्पोरेट प्रीमियम दरों पर विशेष और अनुकूलित मोटर बीमा कवरेज के साथ व्यापक मोटर बीमा समाधान की पेशकश। नीति और दावा ट्रैकिंग और अखिल भारतीय कैशलेस दावा निपटान के लिए ऑनलाइन प्रौद्योगिकी मंच।एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड – विशेष रियायती दरों पर टर्म इंश्योरेंस प्लान पेश कर रही है। एचडीएफसी लाइफ की ओर से अनुकूलित व्यक्तिगत टर्म बीमा पेशकश, विशेष रूप से महिलाओं के लिए।

सैमसंग उत्पादों पर न्यूनतम 15 फरसदी छूट के साथ सैमसंग कॉर्पोरेट $ कार्यक्रम की पेशकश

महिंद्रा हॉलिडे एंड रिसॉर्ट्स इंडिया लिमिटेड – 125 $ रिसॉर्ट्स और अद्वितीय अनुभवों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए क्लब महिंद्रा सदस्यता पर 17 फीसदी छूट की पेशकश कर रहा है। आईसीएसआई के बारे में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) भारत में कंपनी सचिवों के पेशे को विनियमित करने और विकसित करने के लिए संसद के एक अधिनियम, यानी कंपनी सचिव अधिनियम, 1980 के तहत स्थापित एक प्रमुख पेशेवर निकाय है। यह भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में कार्य करता है। संस्थान, एक सक्रिय निकाय होने के नाते, कंपनी सचिव पाठ्यक्रम के छात्रों को सर्वोत्तम और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और सीएस सदस्यों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता निर्धारित मानकों पर ध्यान केंद्रित करता है। संस्थान में लगभग 71,000 सदस्य और लगभग 2 लाख छात्र हैं।