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टेक्नालॉजी का दुरुपयोग न हो, इसलिए आध्यात्मिक शिक्षा भी जरूरी : डॉ.गांधी

देशविदेश के प्रतिभागी छात्रों में कोलाज मेकिंग, वाद-विवाद एवं रोबोट रेस में रही कड़ी प्रतिस्पर्धा

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, चौक द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलम्पियाड ‘क्वान्टा-2023’ के तीसरे दिन विभिन्न प्रतियोगिताओं में देश-विदेश के छात्रों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। जहाँ एक ओर कोलाज एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में 8 देशों से पधारे बाल वैज्ञानिको ने अपने ज्ञान-विज्ञान का लोहा मनवाया तो वहीं दूसरी ओर वाटर क्राफ्ट रेस एवं ऑब्सटेकल रोबोट रेस में प्रतिभागी छात्रों की वैज्ञानिक सोच, रचनात्मकता, कल्पनाशीलता व विज्ञान का गहरा ज्ञान देखने को मिला।इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने देश-विदेश से पधारे बाल वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी का गलत उपयोग न हो, इसके लिए आध्यात्मिक शिक्षा भी जरूरी है। छात्रों के मार्गदर्शन हेतु मुख्य वक्ता के रूप में पधारे श्री मिलिन्द राज ने कहा कि ड्रोन प्रोद्योगिकी द्वारा हम कई बड़े हादसे में फंसे लोगों को बचा सकते हैं।

प्रातःकालीन सत्र में आयोजित अक्वा चैलेन्ज रेस (वाटर क्राफ्ट रेस) प्रतियोगिता अत्यन्त रोचक रही।‘वाद-विवाद प्रतियोगिता’ भी आज के प्रमुख आकर्षण में शामिल रही, जिसने प्रतिभागी छात्रों व दर्शकों को ज्ञान की गंगा में डूबने का अभूतपूर्व अवसर दिया। प्रतियोगिता का विषय था ‘कार्बन प्राइसिंग इज एन इफेक्टिव क्लाइमेट चेन्ज सल्यूशन नाट एन इकोनॉमिक बर्डन। इस प्रतियोगिता में देश-विदेश की छात्र टीमों ने प्रतिभाग किया जिन्होंने अपनी तर्कपूर्ण अभिव्यक्ति से सूचना प्रौद्योगिकी की आवश्यकता एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार, द आर्टिसन्स गिल्ड (कोलाज मेकिंग) प्रतियोगिता में भी छात्रों की प्रतिभा देखने को मिली। यह प्रतियोगिता ‘रिन्युएबल एनर्जी – द ग्रीन रोड टुवार्डस 2025 एण्ड बियोन्ड’ विषय पर आयोजित हुई। इसके अलावा, आज साइंस एवं कम्प्यूटर क्विज का लिखित राउण्ड सम्पन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में चयनित छात्र कल 18 नवम्बर को आयोजित फाइनल राउण्ड में प्रतिभाग करेंगे।