Sunday , May 19 2024

6 दिसम्बर 1992 : राम मंदिर के लिए चार राज्यों की भाजपा सरकार हुई थी कुर्बान

कल्याण सिंह ने कहा था राम मंदिर के नाम पर सरकार कुर्बान

लखनऊ : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर खड़े गुलामी के प्रतीक विवादित ढांचे को छह दिसम्बर 1992 को कारसेवकों ने गिरा दिया। ढ़ांचा विध्वंस के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चार राज्यों की सरकारों से हाथ धोना पड़ा था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। देश का माहौल गर्म था। तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने हड़बड़ाहट में हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की भाजपा सरकार भंग कर दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने विवादित ढांचा विध्वंस की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वयं इस्तीफा दे दिया था। कल्याण सिंह ने अपना इस्तीफा सिर्फ एक लाइन में लिखा था। इसमें लिखा था, ‘मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं, कृपया स्वीकार करिए’।

उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने आखिरी ईंट गिरते ही अपना मुख्यमंत्री का आधिकारिक राइटिंग पैड मंगाकर इस्तीफा लिख डाला। उस दौरान कल्याण सिंह ने कहा था कि यह सरकार राम मंदिर के नाम पर बनी थी और उसका मकसद पूरा हुआ। ऐसे में यह सरकार राममंदिर के नाम पर कुर्बान है। कल्याण सिंह के प्रमुख सचिव रहे सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी योगेंद्र नारायण ने मीडिया से तत्कालीन घटनाक्रम साझा किया था। जिसके मुताबिक तत्कालीन मुख्यमंत्री अपने कक्ष में वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठकर विवादित ढांचा गिराए जाने की खबर देख रहे थे। तभी तत्कालीन डीजीपी एसएम त्रिपाठी लगभग भागते हुए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे।

डीजीपी ने मुख्यमंत्री से तुरंत मिलने की इजाजत मांगी, लेकिन कल्याण सिंह ने उन्हें इंतजार करने को कहा। बाद में बुलाया तो डीजीपी बोले कि कारसेवक विवादित ढांचे को तोड़ रहे हैं। फायरिंग की अनुमति चाहिए। मुख्यमंत्री ने पूछा कि फायरिंग में कितने लोग मरेंगे ? डीजीपी बोले- कारसेवकों ने विवादित स्थल को घेर लिया है। फायरिंग हुई तो बहुत लोग मारे जाएंगे। इसके बाद कल्याण सिंह ने साफ कह दिया कि आंसू गैस या लाठीचार्ज जैसे उपाय कर लीजिए। फायरिंग की अनुमति नहीं दूंगा। यह बात मैं कागज पर भी लिखकर दे देता हूं कि आपने गोली चलाने की अनुमति मांगी लेकिन मैंने नहीं दी। इसके बाद डीजीपी लौट गए और कल्याण सिंह टीवी पर ढांचा गिराए जाने का कार्यक्रम देखते रहे। तत्कालीन गृहमंत्री शंकरराव चौहान ने कल्याण सिंह को फोन किया और कहा कि कारसेवक गुंबद पर चढ़ गये हैं। आपके पास क्या सूचना है। कल्याण सिंह ने कहा कि मेरे पास यह सूचना है कि कारसेवक गुंबद पर चढ़ गये हैं और ढ़ांचे को तोड़ना भी शुरू कर दिया है। गृहमंत्री ने कहा कारसेवकों को रोकने के लिए बल प्रयोग करिए। कल्याण सिंह ने कहा कि मैं कारसेवकों पर गोली नहीं चलाऊंगा, गोली नहीं चलाऊंगा।