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डॉ सूर्यकान्त पहले डॉ.अंजू गुप्ता ओरेशन अवार्ड से सम्मानित

लखनऊ : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कोविड विशेषज्ञ, कोविड टीकाकरण के ब्रांड एंबेसडर एवं केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत को इलाहाबाद नर्सिंग होम एण्ड प्राइवेट प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ने स्वर्गीय डॉ. अंजू गुप्ता ओरेशन अवार्ड से सम्मानित किया है। डॉ. अंजू गुप्ता प्रयागराज की सुप्रसिद्ध सर्जन थीं। जीवन के अंतिम दस वर्षों में वह रोटरी क्लब एवं आध्यात्मिक रूप से प्रवृत्त थीं और ब्रह्माकुमारीज से जुड़कर समाजिक सेवा करती रहीं। वह लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहतीं थीं। वह बहुत साहसी थीं और हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती थीं, महिला उत्थान की चिंता करती थीं, गर्मजोशी और विनम्रता से भरी थीं। उनकी मृत्यु वर्ष 2021 के बाद इलाहाबाद नर्सिंग होम एण्ड प्राइवेट प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ने पहले ओरेशन की शुरुआत की और डॉ. सूर्यकांत को स्वर्गीय डॉ. अंजू गुप्ता ओरेशन प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। डॉ. सूर्यकान्त का यह 18वॉ ओरेशन अवार्ड है, इससे पहले भी कई ओरेशन एवार्ड कोविड, लंग कैंसर, सांस रोग, टीबी रोग, एलर्जी, अस्थमा आदि के क्षेत्र में प्राप्त हो चुके हैं।

डॉ. सूर्यकान्त को ’’डॉक्टर ऑफ साइंस (डी.एस.सी.)’’ की (मानद उपाधि) से भी सम्मानित किया जा चुका है। वह केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में लगभग 18 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 12 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 21 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं लंग कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 900 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। दो अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 18 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है, तथा इससे पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 फेलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा ब्रोन्कियल अस्थमा के क्षेत्र में बेस्ट इनोवेशन (एल.एस. लोवेशके पुरस्कार 2006) भी शामिल है। उन्हें उप्र सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उप्र का सर्वोच्च पुरस्कार) और केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा एवं उप्र हिन्दी संस्थान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 198 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।