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पुलिस आयुक्त बोले, काशी को जाम के झाम से मुक्ति के लिए जारी करेंगे ट्रैफिक एडवाइजरी, क्षेत्रीय लोगों की कमेटी बनाकर मांगा जायेगा जाम वाले प्वाइंटो का सुझाव व सूचनाएं, थानेदारों को हिदायत- फर्जी मुकदमों व मनगढ़ंत जांचों में दोषी पांए जाने पर होगी कार्रवाई, जनता का पुलिस पर भरोसा बढ़े, इसके लिए होगी हर संभव कोशिश, जनता की कसौटी पर खरा उतर सकूं, यही होगी प्राथमिकता
–सुरेश गांधी
वाराणसी : शहर में बढ़ते यातायात के बीच उभरते जाम की समस्या से परेशान यात्रियों को निजात दिलाने के लिए पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया है। वाराणसी के नए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि काशी को जाम के झाम से मुक्ति दिलाने के लिए जल्द ही वे न सिर्फ ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करेंगे, बल्कि सर्वाधिक जाम वाले स्थलों, चौराहों व तिराहों पर क्षेत्रीय लोगों की मदद से उन्हीं के अगुवाई कमेटी बनायेंगे। कमेटी को जिम्मेदारी दी जायेगी, यदि जाम समय से अधिक लग रही है तो वे इसकी तत्काल उनके द्वारा नियुक्त मातहत को सूचना दें। सूचना मिलते ही लापरवाह ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही के साथ-साथ यह जानने का प्रयास किया जायेगा, जाम की वजह क्या रही। इसके अलावा शहरवासियों से भी अपील है कि वे जल्दबाजी में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किसी भी हाल में ना करें। प्रस्तुत है सीनियर रिपोर्टर सुरेश गांधी से वाराणसी के नए पुलिस आयुक्त एवं बिकरू कांड जैसी सनसनीखेज घटनाओं में खास भूमिका निभा चुके हैं आईपीएस मोहित अग्रवाल से बढ़ते साइबर क्राइम के खिलाफ अभियान, दुरुस्त पुलिसिंग एवं जाम समस्या सहित अपराध नियंत्रण और नशे के कारोबार पर लगाम कसने, एंटी वायरस, कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की एक विस्तृत रिपोर्ट।
वर्तमान में अक्सर साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी से जुड़े कई मामले सुनने में आते रहते हैं. इनमें अलग-अलग तरीकों से लोगों को निशाना बनाया जाता है और उनके बैंक अकाउंट से पैसे गायब कर दिए जाते हैं. इस तरह के साइबर क्राइम चुनौती तो है, लेकिन लोग जरा सी भी सावधानी बरते तो निपटा जा सकता है। उनकी मंशा है कि लोग अपने गंतव्य तक समय पर पहुंचे। गैर-नियत वाणिज्यिक वाहनों को शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। व्यावसायिक वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा। जरुरत पड़ी तो ट्रैफिक को वन-वे किया जायेगा। इसके अलावा दुकानदारों द्वारा अपनी सीमा से बाहर सामान रखना व सड़क पर बेतरतीब ढंग से सड़क पर वाहन खड़े करने वाले के विरुद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। ट्रैफिक के समाधान के लिए एक जागरुक कमेटी बनायी जायेगी। ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए पार्किंग के लिए जगहों का चयन किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की है कि वह ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए अपना सहयोग दें व ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें, बरेली के मूल निवासी मोहित अग्रवाल 1997 बैच के आईपीएस अफसर हैं। केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके आईपीएस मोहित अग्रवाल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं। वाराणसी में तैनाती से पहले वह आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात थे। इस दौरान उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय गिरोह को नेस्तनाबूद किया। कानपुर के चर्चित बिकरू कांड और फर्रुखाबाद में बंधक बनाए गए 23 बच्चों को मुक्त कराने जैसी सनसनीखेज घटनाओं के पटाक्षेप में अहम भूमिका निभाने वाले आईपीएस मोहित अग्रवाल वाराणसी में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद तीसरे पुलिस आयुक्त हैं।
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मोहित अग्रवाल ने कहा कि अब माफियाओं एवं बाहुबलि जनप्रतिनिधियों के इसारों पर थानों में दर्ज होने वाले फर्जी मुकदमों व घटनाओं की मनगढ़ंत जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले पुलिस आफिसरों पर कार्रवाई होगी। उनकी जांचोपरांत रिपोर्ट सही पाएं जाने पर संबंधित आफिसर को उनके द्वारा बर्खास्त करने में भी देर नहीं लगेगी। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में आ रही मुश्किलों को वह चुनौती के रुप में लेंगे। सीएए सहित अन्य मामलों के अलावा चुनाव के दौरान जिस किसी ने भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आम जनमानस में कोई भ्रम ना हो और इससे कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न ना हो। इसके लिए पुलिस लगातार मुस्तैद रहेगी। पुलिस की ओर से संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी के साथ साथ अन्य जरूरी व्यवस्थाएं भी मुकम्मल की जाएंगी। गुंडागर्दी किसी भी कीमत पर नहीं चलने दी जाएगी। चौराहों और सड़कों पर गुंडागर्दी कतई नहीं होने देंगे। थानों को फूंकना, पुलिस को पीटना अब नहीं चलेगा। साथ ही किसी भी जघन्य अपराध में शामिल अपराधी व हिस्ट्रीशीटर को थाने में जगह नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही किसी अपराधी की आवभगत करते हुए थानेदार नजर आए, तो उन पर कड़ी कार्यवाही होगी। उनकी कोशिश होती है कि घटनाओं के वर्कआउट में भले देरी हो जाएं लेकिन असली अपराधी पकड़े जाएं। जल्दबाजी में किसी को जेल भेजेंगे तो अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और घटनाएं बदस्तूर रहेंगी।
मोहित अग्रवाल ने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार जनपद में कानून व्यवस्था बनाए रखना उनका मूल कर्तव्य है। शांति व्यवस्था में कहीं से भी व्यवधान न होने पाए, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, मेरे कार्यकाल में यहां माफिया के लिए कोई जगह नहीं होगी। यहां भक्ति भाव का माहौल मन में बसाकर पूरे देश से लोग आते हैं। ऐसे में पर्यटकों व दर्शनार्थियों के साथ बेहतर बर्ताव करने की हिदायत पुलिसकर्मियों को दी गयी है। पीड़ितों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। आमजनमानस का पुलिस पर भरोसा बढ़े, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण दिलवाउंगा। जनता आंख, कान बनेगी तो अपराधी बेदम पड़ जाएंगे। कम्युनिटी और सोशल पुलिसिंग जरूरी है। चुनाव आचार संहिता के बाबत उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए वह संकल्पित है। विगत चुनावों पर मातहतों संग मीटिंग के बाद प्रिवेंटिव गिरफ्तारी, असलहों को जमा कराने आदि कार्य जमीन पर होंगे। राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर पुलिस समस्या का समाधान करेगी। भूमि विवाद में पुलिस का सीधा हस्तक्षेप नहीं होगा। महिला पुलिसकर्मियों को दफ्तर में बैठने के बजाय उन्हें पेट्रोलिंग व बीट पर लगायेंगे। क्योंकि महिला जवान ज्यादा इनपुट जुटा सकती है।
साइबर क्राइम की तत्काल जानकारी दें : मोहित अग्रवाल
खासकर साइबर क्राइम होने पर तुरंत शिकायत करें, इससे मुसीबत से बच जाएंगे। समय पर सही जानकारी होने पर कुछ लोगों के पैसे वापस मिल जाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग सोशल मीडिया पर बदनाम होने से भी बच जाते हैं। सरकार ने साइबर क्राइम या फ्रॉड की शिकायत करने के लिए एक पोर्टल बनाया है, उस पर अपनी शिकायत ततकाल दर्ज करें। बता दें, हर दिन साइबर क्राइम हो रहे हैं। किसी से पैसे लूटे जा रहे हैं तो किसी को सोशल मीडिया पर उनकी ही एडिट की हुई तस्वीरों से ब्लैकमेल किया जा रहा है। किसी के फोन को रिमोट कंट्रोल वाले एप के जरिए हैक किया जा रहा है और फिर अकाउंट खाली किए जा रहे हैं तो किसी को कुरियर डिलीवरी के नाम पर चूना लगाया जा रहा है, तो किसी को गिरफ्तारी का भय दिखाकर पैसे ट्रांसफर कराएं जा रहे है। साइबर अपराध से मुक्त करने को लेकर पुलिस तो एक्टिव है लेकिन आमजनमानस को ज्यादा जागरुक होना पड़ेगा। वैसे साइबर अपराधी जो कुख्यात हैं उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। खास यह है कि साइबर अपराधी बनारस के बजाय अन्य जनपदों व प्रांतो में बैठकर घटना को अंजाम दे रहे है, फिर भी उन पर नकेल कसा जायेगा।