Saturday , May 4 2024

CIC डॉ.राजकुमार विश्वकर्मा ने जीता सूबे के आरटीआई कार्यकर्ताओं का दिल

पद संभालने ही टाइमटेबल बना सूचना आयुक्तों को कार्य किया आवंटित

लखनऊ : ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ जैसी लोकोक्ती आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा की इस नई पारी के पहले दिन के कार्यों के सन्दर्भ में सकारात्मक रूप में पढ़ी जा सकती है। एक आईपीएस के रूप में सेवा की सफल पारी पूरी करने के बाद यूपी के सीआईसी बने विश्वकर्मा के बीती 13 मार्च को राजभवन में शपथग्रहण के बाद आयोग में कार्यभार ग्रहण कर उसी दिन दो आदेश जारी करके न केवल सूचना आयोग के कार्यों का दैनिक टाईमटेबल बनाने का लम्बे समय से लंबित ऐतिहासिक कार्य किया बल्कि तत्परतापूर्वक सभी आयुक्तों को कार्य आबंटित कर आयोग की कार्यप्रणाली में ओप्टिमम टाइम मैनेजमेंट का जनहितकारी स्पष्ट सन्देश भी दे दिया है।

राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट और पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के आरटीआई प्रकोष्ठ की प्रदेश उप प्रभारी रह चुकीं उर्वशी शर्मा ने बताया कि डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा के इन त्वरित और लोकहितकारी आदेशों को देखकर सूबे के तमाम आरटीआई एक्टिविस्टों में यह उम्मीद बंधी है कि देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस’ की नीतियों को अमल में लाने के लिए सूचना आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार की जो प्रक्रिया सेवानिवृत्त सीआईसी भवेश कुमार के पूरे कार्यकाल में निरंतर चली थी वह डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा के कार्यकाल में भी उत्तरोत्तर चलती रहेगी। बकौल उर्वशी, आरटीआई कानून की धारा 15 की उपधारा 4 द्वारा सूचना आयोग के कार्यों के साधारण अधीक्षण,निदेशन और प्रबंध के अधिकार राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त में स्वतंत्र रूप से निहित किये गए हैं और इन मामलों में अन्य सूचना आयुक्तों की भूमिका मुख्य सूचना आयुक्त के सहायक मात्र की है।

इतिहास में झांकते हुए उर्वशी बताती हैं कि उनकी मांगों पर पूर्व के सीआईसी द्वारा आयोग में विशाखा समिति का गठन किया गया, सूचना आवेदकों की सुरक्षा के लिए आयोग स्तर से पुलिस महकमे को निर्देश जारी किये गए, अपीलों और शिकायतों की ऑनलाइन व्यवस्था आरम्भ हुई और सूचना आयोग की कार्यप्रणाली को आमजन के लिए पारदर्शी और सुकर बनाने के लिए आरटीआई कानून की धारा 15 की उपधारा 4 के तहत अनगिनत आदेश जारी हुए। उर्वशी ने बताया कि सूचना आवेदकों की मुख्य समस्या सूचना आयुक्तों की आयोग में उपस्थिति के समय को लेकर आयुक्तों का मनमाना व्यवहार था जिसके सम्बन्ध उनके द्वारा आयोग के कार्यों का दैनिक टाइम टेबल निर्धारित करने की मांग पूर्व में उठाई गई थी। सूबे के आरटीआई कार्यकर्ताओं की ओर से सीआईसी विश्वकर्मा को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उर्वशी ने बताया कि सीआईसी विश्वकर्मा के आदेश पत्रांक 474 के अमल में आने से सूचना आयुक्तों की आयोग में उपस्थिति के समय की निरंकुशता की समस्या का समाधान हो गया है।

गिरजेश चौधरी लखनऊ, वीरेन्द्र सिंह को आगरा व अलीगढ मंडल का प्रभार

आयोग के आदेश पत्रांक 475 में सीआईसी विश्वकर्मा के द्वारा सूचना आयुक्तों को जो कार्य आबंटन किया गया है उसके अनुसार सुधीर कुमार सिंह को बरेली और चित्रकूट मंडल, गिरजेश कुमार चौधरी को लखनऊ मंडल, डा. दिलीप कुमार अग्निहोत्री को कानपुर और बस्ती मंडल, पदुम नारायण द्विवेदी को वाराणसी और सहारनपुर मंडल, स्वतंत्र प्रकाश को फैजाबाद और देवीपाटन मंडल, मोहम्मद नदीम को इलाहाबाद और मिर्ज़ापुर मंडल,राजेन्द्र सिंह को गोरखपुर और झाँसी मंडल,शकुंतला गौतम को मुरादाबाद और आजमगढ़ मंडल, राकेश कुमार को मेरठ मंडल तथा वीरेन्द्र प्रताप सिंह को आगरा और अलीगढ मंडल का प्रभार दिया गया है।