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बौद्धिक गुण के स्तर को ऊँचा उठाएं कार्मिक कार्यसम्पादन में आयेगी उत्कृष्टता

एसएमएस द्वारा बौद्धिक सम्पदा संरक्षण विषय पर एफडीपी का आयोजन

लखनऊ : स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साईंसेज, लखनऊ में बौद्धिक सम्पदा संरक्षण विषय पर एक एफडीपी का आयोजन किया गया जिसमें प्रोफ. (डॉ.) हरिकेश बहादुर सिंह, सम्मानित प्रोफेसर, माइक्रो बायोलॉजिकल टेक्नोलॉजी विभाग, जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा को रिसोर्स पर्सन के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि किसी भी संस्थान अथवा आर्गनाईजेशन में कार्य कर रहे कार्मिकों को स्वयं के बौद्धिक गुण के स्तर को ऊँचा उठाया जाना चाहिए, जिससे उनके कार्यसम्पादन में उत्कृष्टता आयेगी। आईपीआर पंजीकरण व प्रमाणपत्र प्राप्त करने सेयह लाभ होगा कि वैश्विक अनुसंधान में जहाँ एक तरफ सहयोग बढ़ जायेगा वहीं उसके तकनीक के ट्रांफर से समाज को लाभ होने के साथ-साथ धन सम्पदा का भी लाभ होगा।

उन्होंने बताया कि इण्डियन पेटेन्ट एक्ट वर्तमान में विश्व में 9वें स्थान पर है जबकि चीन दुनिया में सर्वाधिक प्रथम स्थान पर है। साथ ही उन्होंने अपने व्याख्यान में उपस्थित लोगों को अवगत कराया कि इण्डियन पेटेन्ट एक्ट भारत में 1970 और अमेरिका में 1790 में आया था। इस एफडीपी में संस्थान के निदेशक डॉ. आशीष भटनागर, महानिदेशक (तकनीकी) डॉ. भरत राज सिंह एवं एसोसियेट डायरेक्टर, डॉ. धर्मेन्द्र सिंह एवं अधिष्ठाता डॉ. पीके सिंह, डॉ. हेमंत कुमार सिंह, विभाध्यक्ष डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ.आशा कुलश्रेष्ठ, पंकज यादव, सुनित मिश्रा, अमोद पाण्डेय, तथा शिक्षकगण तकनीकी के छात्र /छात्राएं भी उपस्थित रहे और व्याख्यान से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. पुष्पांजलि सिंह ने किया।