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काशी की रामलला मूर्ति नीदरलैंड्स के हनुमान मंदिर में होगी विराजमान

सुरेश गांधी

वाराणसी : अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब दुनियाभर का ध्यान रामलला की ओर आकर्षित हुआ है. अब भारत ही नहीं विदेशों में भी प्रभु राम की प्रतिमा स्थापित होगी। काशी के कन्हैया कुमार द्वारा निर्मित अयोध्या जैसी श्रीराम की प्रतिमा अब नीदरलैंड के हनुमान मंदिर में स्थापित की जाएगी. शनिवार को मलदहिया स्थित होटल हिंदुस्तान इंटरनेशनल में आयोजित पत्रकार वार्ता में एटरब्लिस फाउंडेशन इंडिया के संस्थापक स्वामी अखंड सम्राट आनन्द जी महाराज व संस्था के निदेशक राहुल मुखर्जी ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को बताया कि श्रीराम की प्रतिमा पहले अयोध्या में पूजी जायेगी। इसके बाद नीदरलैंड के हनुमान मंदिर में 21 जुलाई को मूर्ति स्थापित की जाएगी. उनका कहना है कि श्रीराम लला की प्रतिमा विश्व के कई देशों में स्थापित की जाएगी. नीदरलैंड के बाद इंग्लैड, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इटली, बेल्जियम देशों में स्थापित करने की तैयारी है.

उन्होंने बताया कि नीदरलैंड्स की संस्था शिरडी साईं बाबा फाउंडेशन जिसके चेयरमैन डॉ एटिएन भगवान प्रेमदानी के साथ मिलकर विश्व भर में सनातन धर्म के ज्ञान का प्रचार- प्रसार तथा विश्व में श्री रामलला की मूर्ति बनाकर प्राण प्रतिष्ठा व इसका भव्य उद्घाटन करने का संकल्प लिया गया है। संस्था के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु स्वामी अखंड सम्राट आनन्द जी ने विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि श्री रामलला की मूर्ति का भव्य प्राण प्रतिष्ठा व शुभारम्भ यूरोप के नीदरलैंड्स के शहर ओल्स्ट में की जा रही हैं। साथ ही पूरे यूरोप में श्री रामलला की मूर्ति स्थापित तथा मंदिर बनाने का संकल्प लिया है। बहुत ही गर्व का विषय है कि इस वर्ष अयोध्या में विराजमान श्री रामलला मूर्ति के समान ही दिव्य कृष्ण शीला पत्थर से निर्मित यह पवित्र मूर्ति अनादि भक्ति के सार समाहित करती हैं। इन मूर्तियों का निर्माण विश्व की आध्यात्मिक राजधानी काशी में होगी।

नीदरलैंड के हनुमान मंदिर में स्थापित की जाएगी मूर्तिकार कन्हैया कुमार द्वारा निर्मित अयोध्या जैसी श्रीराम की प्रतिमा : राहुल मुखर्जी

संस्था के निदेशक राहुल मुखर्जी ने बताया कि स्वामी जी द्वारा विश्व भर में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ नीदरलैंडस में राम आव्हान क्रिया योग दीक्षा देंगे। राहुल मुखर्जी ने बताया कि ओलस्ट में एक नईं अयोध्या बनाने के अपने दृष्टिकोण को साझा करने पर गर्व है तथा दुनियां भर में आध्यात्मिकता और सनातन धर्म का प्रचार के साथ दुनियां भर के श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए आमंत्रित किया जायेगा। इस मौके पर स्वामी जी ने कहा कि यह महान प्रयास आध्यात्मिक ज्ञानोदय और सार्वभौमिक सदभाव की ओर मार्ग प्रशस्त करते हुए सामने आया है।

प्रभु श्रीरामलला की काशी में 5.10 फीट की प्रतीमा दो माह में बनकर तैयार हुई है. ढेलवरिया स्थित मूर्ति कारखाने में 10 सहयोगीयों के साथ मूर्तिकार कन्हैयालाल शर्मा ने प्रतिमा को बनाया है. मूर्ति ब्लैक ग्रेनाइट से बनी है. यह अयोध्या में स्थापित रामलला की मूर्ति की प्रतिकृति है। दरअसल उनकी इच्छा थी कि रामलला के जैसी प्रतिमा बनाएं. इस बीच उन्हें ऑर्डर मिल गया. दरअसल, तीन पीढ़ियां कन्हैयालाल शर्मा की इस पेशे में लगी हैं. उनके दादा महादेव प्रसाद बड़े मूर्तिकार थे. उन्होंने जॉर्ज पंचम, इंडिया गेट छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा दरभंगा नरेश की प्रतिमाएं बनाई हैं. साथ ही कन्हैयालाल ने इग्लैंड की महारानी के अलावा अन्य देशों की कई प्रतिमांए भी बनाई है. राहुल मुखर्जी ने बताया कि 24 इंच की भी श्रीरामलला की प्रतिमा बनाई जाएगी। रुद्राभिषेक के लिए इस प्रतिमा का विग्रह बनाया जाएगा। भगवान की यह मूर्ति वाराणसी से अयोध्या जाएगी. वहां विशेष पूजा के बाद इसे नीदरलैंड भेजा जाएगा. ऐसी ही कई मूर्तियां तैयार करने का प्लान है. इनको यूरोप के कई देशों में स्थापित कर सनातन धर्म को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

आध्यात्मिक विकास के राम आवहन योग क्रिया की दीक्षा जरूरी : स्वामी अखंड सम्राट आनंद जी

स्वामी अखंड सम्राट आनंद महाराज ने कहा कि रामलला हर जगह मौजूद हैं. जो भारतीय बाहर विदेश में रहते हैं, जो बार-बार यहां आ नहीं पाते हैं. वहां पर वे लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे. इन देशों में मेडिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा. साथ ही यज्ञ सेंटर भी बनेगा. इससे हम लोगों को लाभ मिलेगा. हमारा लक्ष्य है कि सनातन धर्म को पूरी दुनियाभर में फैलाया जाए. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक हम इसको पहुंचाएं. नीदरलैंड में बनने वाले मंदिर की स्थापना सिद्धि साईं बाबा फाउंडेशन के साथ मिलकर हम लोग कर रहे हैं. अभी अलग-अलग जगहों पर हम लोग और भी फाउंडेशन के साथ मिलकर काम करेंगे. महाराज बताते हैं कि, अयोध्या में रामलला 22 जनवरी को आए. इसके बाद नीदरलैंड में जा रहे हैं. पूरे यूरोप को लेकर हम लोगों की ये योजना है कि सनातन को, रामलला को हम लोग वहां तक लेकर जाएं. जगह-जगह पर मंदिर बनाएं. जर्मनी, बेल्जियम, रोम, फ्रांस के साथ ही पेरिस में भी हम लोगों की बातचीत चल रही है. आने वाले समय में आप देखेंगे कि यूरोप कई देशों में रामलला को लेकर हम लोग जाएंगे और वहां पर मंदिर की स्थापना करवाएंगे. इससे वहां पर रह रहे लोगों को भी रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य मिलेगा और सनातन आस्था का विश्वास बढ़ेगा.