लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा एवं पर्वतीय विकास मंत्री स्व. शिवानंद नौटियाल को उनकी 88वीं जयंती पर याद किया गया। राजधानी लखनऊ स्थित शिवानन्द नौटियाल फाउंडेशन के कार्यालय में डा. नौटियाल के चित्र पर माल्यार्पण के साथ ही उनके राजनितिक-सामाजिक व साहित्यक योगदान को याद किया गया। इसके साथ ही स्व. नौटियाल के उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव कोठला सैंजी सहित प्रदेश के कई भागों में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। अशोक मार्ग स्थित फाउंडेशन कार्यालय में प्रदेश के पूर्व मंत्री स्व. शिवानन्द नौटियाल द्वारा किए गए विकास कार्यों के साथ ही उनके जीवन पर विस्तार से चर्चा किया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता रामनरेश शुक्ला ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. नौटियाल ने अपने मंत्रित्व कार्यकाल के दौरान कई इंटर कालेज और डिग्री कॉलेज, सड़कों का निर्माण के साथ ही कई विकास कार्यों की स्थापना की। जिसका आज भी समाज के हर वर्ग खासकर युवाओं को लाभ मिल रहा है। उन्होंने पहाड़ के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में बिजली, पेयजल, सड़क को लेकर बेहतरीन काम किया। वह आज भी अपने क्षेत्र के लोगों व शिक्षा जगत के बीच एक लोकप्रिय प्रतिनिधि के रूप में जाने जाते हैं।
उनके जीवन चरित्र के परिप्रेक्ष्य में बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्व. नौटियाल जी हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक एवं कुशल राजनीतिज्ञ थे। अविभाजित उत्तर प्रदेश के पौढ़ी जिले के ग्राम कोठला में 28 जून 1926 को जन्में स्व. नौटियाल का जीवन शिक्षा, साहित्य और राजनीतिक गतिविधियों से ही जुड़ा रहा। 1967 में इन्होंने सक्रिय राजनीति में पदार्पण किया। 1969 में पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। 1974 व 1979 के विधानसभा चुनावों में भी इन्होंने विजय पताका लहराया। वह पौड़ी से दो बार और कर्णप्रयाग से छह बार विधायक बने। 1979 में डा. नौटियाल को उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा एवं पर्वतीय विकास मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया। इन्होंने अपने मंत्रित्वकाल में संपूर्ण उत्तराखंड क्षेत्र में विद्यालयों को प्रोन्नत करने के साथ साथ विद्यालयों की स्थापना भी की। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, ओजस्वी वक्ता के साथ सफल साहित्यकार भी थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में 100 से अधिक पुस्तकें भी लिखी।
श्रद्धांजलि सभा के इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल गयला कोटी, विक्रम विष्ट, संजय नौटियाल, संजय गरोला, हरि सती, संदीप गिल्डियाल, सचिन गौनियाल, आलोक श्रीवास्तव, सुमन रावत, संगीता नेगी, जे.डी. सती सहित शहर के कई जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, साहित्यकार मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा का आयोजन स्व. शिवानन्द नौटियाल के पुत्र दिव्य नौटियाल द्वारा किया गया। सभा में उनके पुत्र कमल नौटियाल, विवेक नौटियाल सहित अन्य परिजन भी मौजूद रहे।