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अतिवृष्टि के कारण जलजमाव के खतरे का तत्काल समाधान निकालें : योगी

सीएम ने जिलाधिकारियों व अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ और जल जमाव की समस्या के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों व नगर निकाय के अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अतिवृष्टि के कारण जल जमाव के खतरे बने हुए हैं। इसका तत्काल समाधान निकाला जाए। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में अतिवृष्टि के कारण या नेपाल से आने वाली नदियों में अत्यधिक पानी के कारण गांवों में पानी भर गया है, उन क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन सुरक्षित स्थानां एवं शिविरों में पुनर्स्थापित कर राहत सामग्री का वितरण किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि विभिन्न जनपदों में सम्भावित बाढ़ के दृष्टिगत राहत और बचाव के व्यापक प्रबन्ध किये जाएं। जो क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हैं, वहां आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। राहत पैकेट के वितरण में देरी न हो। राहत शिविरों में प्रकाश आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। आपदा कण्ट्रोल रूम को चौबीस घण्टे क्रियाशील रखा जाए। लगातार पेट्रोलिंग करके तटबन्धों का निरीक्षण एवं निगरानी की जाए।

योगी ने कहा है कि वर्तमान में कतिपय जनपदों के कुछ क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होने के कारण वहां फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए फसल नुकसान का आकलन करें, ताकि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। आकाशीय बिजली या अन्य प्राकृतिक आपदा से हुई जनहानि के मामलों में मृत्यु की दशा में 04 लाख रुपये अनुमन्य है। 24 घण्टे के अन्दर अनुमन्य राहत राशि स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से प्रभावित परिवार को वितरित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित/मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही, सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की भी सम्भावना रहती है। ऐसे में राहत शिविरों के समीप स्वास्थ्य शिविर संचालित किये जाएं। यहां एण्टी स्नेक वेनम की उपलब्धता जरूर रहे। शिविरों में ओ0आर0एस0 पैकेट का वितरण किया जाए। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए। सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकतानुसार एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0/पी0ए0सी0 फ्लड यूनिट की तैनाती की जाए। नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी की जाए। मौसम सम्बन्धी पूर्व चेतावनी का अलर्ट सिस्टम द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाए।

राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार प्रदेश में विगत 24 घण्टों में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में कुल 12 जनहानि हुई है। इनमें आकाशीय बिजली से जनपद मैनपुरी, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, रायबरेली तथा गोरखपुर में 01-01, अतिवृष्टि से जनपद रायबरेली तथा मैनपुरी में 01-01 तथा डूबने से जनपद बुलन्दशहर, कन्नौज, फिरोजाबाद, उन्नाव एवं पीलीभीत में 01-01 जनहानि सम्मिलित हैं। जनपद कुशीनगर में 01 (खड्डा) तहसील के 13 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। एस0डी0आर0एफ0 की टीम तैनात कर दी गई है। नारायणपुर के एक टापू पर फंसे हुए 66 लोगों में से 62 लोग सकुशल निकाल लिए गए हैं। शेष बचे लोगों को निकालने के लिए कार्यवाही चल रही है। जनपद श्रावस्ती में 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। एन0डी0आर0एफ0 की एक टीम एवं पी0ए0सी0 की दो टीमें तैनात की जा चुकी हैं। 19 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। राप्ती बैराज की निरन्तर निगरानी की जा रही है। रात्रि में चलाए गए एक बड़े बचाव अभियान में बाढ़ के बीच घिरे 12 श्रमिक महिलाओं व बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।