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ट्रंप के फैसले का दिल दहलाने वाला असर, एक लाख मुस्लिमों की गर्दन फंसी

।अमेरिका 7 दिन में अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों का वीजा रद्द कर चुका है। सरकार के अटॉर्नी ने अलेक्जेंड्रिया फेडरल कोर्ट में इस बात की जानकारी दी। 27 जनवरी को डोनाल्ड ट्रम्प ने 7 मुस्लिम देशों के लोगों की अमेरिका में एंट्री बैन को लेकर एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पास किया था।donald-trump-2

यमन के 2 भाइयों ने दायर की थी कोर्ट में पिटीशन, दोनों भाई 28 जनवरी को अमेरिका के डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे थे। दोनों का आरोप था कि उनपर लीगल रेसिडेंट वीजा रद्द करने और जल्द से जल्द इथियोपिया रिटर्न होने के लिए दबाव बनाया गया था।

दोनों भाइयों की तरफ से लॉयर साइमन सेंडोवल-मोशेनबर्ग ने बताया, “अभी तक करीब एक लाख लोगों के वीजा कैंसल किए जा चुके हैं।” सरकारी वकील के मुताबिक, फिलहाल ये सामने नहीं डलेस एयरपोर्ट से कितने लोगों को उनकी होम कंट्री भेजा गया। हालांकि जिनके पास ग्रीन कार्ड है, उनको लेकर कोई रोक-टोक नहीं हुई।

यमीनी भाइयों की तरह कुछ और मामले भी सामने आए। तारिक और अम्मार अकेल मोहम्मद अजीज नामक दो लोग भी वैलिड वीजा पर अमेरिका आए थे लेकिन उन्हें भी वापस भेज दिया गया। सरकार इस तरह के हर मामले पर नजर बनाए हुए है। 7 मुस्लिम देशों से आ रहे लोगों ने अमेरिका में केस दायर कर नए वीजा की मांग कर रहे हैं।

ट्रम्प ने जिन 7 मुस्लिम देशों के लोगों के इमिग्रेशन पर बैन लगाया था, उनमें इराक, ईरान, लीबिया, सूडान, सीरिया, सोमालिया और यमन हैं।व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ द स्टाफ रींस प्रीबस ने कहा, “हमने इन 7 देशों को चुना तो इसकी एक खास वजह है।

“कांग्रेस और ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन, दोनों ने इन 7 देशों की पहचान कर रखी थी कि वहां खतरनाक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।” प्रीबस ने कहा, “अब आप कुछ अन्य ऐसे देशों की ओर भी इशारा कर सकते हैं जहां एक तरह की समस्याएं हैं,

जैसे कि पाकिस्तान और कुछ अन्य देश। शायद हमें इसे और आगे ले जाने की जरूरत है। फिलहाल इन देशों में जाने और वहां से आने वाले लोगों की गंभीरता से जांच-पड़ताल की जाएगी।

वर्जीनिया के सॉलिसिटर जनरल ने क्या कहा स्टुअर्ट राफेल के मुताबिक, अभी तक ये साफ नहीं है कि डलेस या फिर दूसरे एयरपोर्ट्स से कितने लोगों को वापस भेजा गया। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर कई लोगों को असर डाल रहा है। इसको लेकर टुकड़ों में कार्रवाई नहीं करना चाहिए।

जिस तरह से कार्रवाई हो रही है, उसे भी सही नहीं कहा जा सकता। लोग तभी पकड़ में आयेंगे जब वे बाहर से आ रहे हैं। अगर हम उनको नहीं पकड़ते तो कभी पता नहीं चलता की  वे कौन हैं। “एग्जाम्पल के तौर पर जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट को तुर्की भेज दिया गया। जबकि वह लीबिया का रहने वाला था।”

120 दिन तक अमेरिका नहीं आ सकेंगे रिफ्यूजीयूएस, रिफ्यूजी एडमिशन्स प्रोग्राम को 120 दिन के लिए बंद कर दिया गया था। ये तभी शुरू किया जाएगा जब ट्रम्प कैबिनेट के मेंबर्स उसकी अच्छी तरह जांच कर लेंगे।

ऑर्डर के मुताबिक, इराक, ईरान, सीरिया, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोग भी 90 दिन तक अमेरिका में एंट्री नहीं ले सकेंगे। उन्हें वीजा नहीं मिलेगा।