बीजेपी अध्यक्ष ने ज्यादातर उन लोगों को टिकट दिया है जो दलबदलू हैं.चुनाव नजदीक आते आते बसपा ने भी अपने पुराने प्रत्याशी की टिकट काटकर पूर्वांचल के कार्यकताओ को मायूस किया .
बीजेपी कार्यकर्ता जिस बात से नाराज दिखते हैं वो ये है कि भाजपा का टिकट पाने वाले करीब 140 नेता दलबदलू हैं और पिछले पांच साल के भीतर ही पार्टी में शामिलहुए थे. इसी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में बगैर जातीय समीकरण को ध्यान में रखे अगड़ी जातियों के उम्मीदवारों को पिछड़ी जातियों के उम्मीदवारों से बदल दिया गया.
पूर्वांचल में भाजपा ,सपा और बसपा ने सबको चौकाया
पूर्वांचल में सत्ता के लिए बीजेपी को कितनी छटपटाहट है उसका अंदाज महज इसी बात से लगाय जा सकता है कि बिना जनाधार वाली पार्टी भासपा से गठबंधन करके अपनी कार्यकर्ताओ के मेहनत से सींची गई सीट को बिना कार्यकर्ताओ के मशवरे लिए देकर कार्यकर्ताओ को निराश किया ही बागी उम्मीदवार भी निर्दली चुनाव में प्रत्याशियों को उतारने पर मजबूर कर दिया . दूसरी पार्टी बसपा की कर लेते है जिसने किस गुड़ा गणित से अपने खून पसीने से बसपा के लिए उपजाऊ जमीन तैयार किए ऐंन वक्त पर बलिया सदर से रामजी गुप्ता और फेफना सीट से दारा सिंह का टीकट काटकर सपा के बागियों को टिकट दिया ही मऊ में तो हद ही कर दिया गुंडों से यूपी को मुक्त करने की नारा देने वाली माफिया मुख्तार सहित इनके बेटे और भाई को मऊ से बसपा के तीन कार्यकर्ता का टिकट इन्हें हाथी की सवारी करा दी .
इन दोनों दलों से इतर अखिलेश ने समाजवादी पार्टी को गुंडों की पार्टी से मुक्ति दिलाने के लिए अपने पार्टी में बगावत कर दिए अखिलेश ने अपनी छवि तो सुधारी लेकिन बेल्थरा में टिकट काटकर गोरख पासवान को टिकट दे दी जिससे इन पर भी सवाल उठने लगा की जब टिकट काटना था तो दिए क्यों खैर दुसरे दल से किसी को टिकट नही दिए .