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एक-एक पैसे को तरस रहा पाकिस्तान, चरम पर पहुंची बेरोजगारी

नई दिल्ली: पाकिस्तान में बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोतरी लगातार जारी है  पिछले दो दशकों में यह अपने सर्वोत्तम स्तर पर पहुंच चुकी है वैसे तो पाकिस्तान में अकाउंटिंग/फाइनेंस, सेल्स/ मार्केटिंग और आईसीटी सेक्टर्स में सबसे ज्यादा नौकरियां हैं लेकिन कुल 5 प्रतिशत आवेदक ही इन सेक्टर्स से जुड़कर बेहतर नौकरी हासिल कर पाते हैं।unemployment-l-reuters-620x400-300x184

इसकी सबसे बड़ी समस्या तकनीकी व्यवधान, विनिर्माण क्षेत्र का समय से पहले दबाव और ग्रोथ रेट गिरना है पाकिस्तानी मानवाधिकार संस्थाओं के अनुसार देश में फिलहाल बेरोजगारी दर बहुत ज्यादा है यहाँ हर साल करीब 20 लाख युवा जॉब मार्केट में एंट्री करते हैं लेकिन ये कोई औपचारिक आंकड़ा नही है यह एक अनुमान है जिसके मुताबिक वहां बेरोजगारी दर 15 फीसदी है, जो 5.2 प्रतिशत के आधिकारिक दर से 3 फीसदी ज्यादा है.

पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ ने एक अर्थशास्त्री के हवाले से लिखा है कि दुनिया भर में लोग सबसे ज्यादा परवाह नौकरी की करते हैं चाहे वह कोई भी देश हो वहा पहला सवाल नौकरियों ही उठता है पाकिस्तानी अर्थशास्त्री ने पाकिस्तान में जॉब पैदा करने का कारण भी बताया है उनके अनुसार पहला शांति और विकास, दूसरा लोकतंत्र के लिए निर्वाचन क्षेत्र का विस्तार और तीसरा चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर की सफलता के लिए लोगों का समर्थन पाना है.

पाकिस्तानी अर्थशास्त्री ने कहा कि बेरोजगार लोगों को नौकरी दिए बिना गरीबी और सामाजिक मुद्दों से निपटा नहीं जा सकता. उनके मुताबिक रियायतें और डायरेक्ट कैश ट्रांसफर सबसे अस्थायी तौर पर सबसे बेहतर राहत दे सकता है।

 पाकिस्तान में नौकरी न मिलने से पाकिस्तानी इकनॉमी की उत्पादकता पर असर और युवाओं में निराशा का भाव पैदा हो रहा है जो कमजोर सरकार के कारण प्रशासन श्रम कानूनों का मनमाने तरीके से

इस सर्वे के मुताबिक कृषि सेक्टर 47.7 प्रतिशत लोगों को नौकरी देता है, जबकि 33.9 प्रतिशत सर्विस सेक्टर और 22.4 प्रतिशत इंडस्ट्री में नौकरी करते हैं।