उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से तीन जिलों के लोगों लिए चारधाम यात्रा शुरू करने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन यात्रा मार्ग से लेकर धामों तक अभी यात्री सुविधाएं सिरे से नदारद हैं। श्रद्धालुओं के खाने और ठहरने के लिए अभी होटल, धर्मशालाएं भी संचालित नहीं हो पाए हैं। कोविड के कारण लगातार दूसरे साल चारधाम यात्रा तय समय पर शुरू नहीं हो पाई है। अब प्रदेश सरकार ने एक जुलाई से चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के लोगों को स्थानीय धाम के दर्शन की इजाजत दी। इसके बाद यदि सबकुछ ठीक रहा तो जुलाई मध्य से राज्य के निवासियों के लिए भी यात्रा प्रारंभ की जा सकती है। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के मुताबिक पूरे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बिजली- पानी और यात्रीशेड की सुविधा नहीं है। यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल के मुताबिक यमुनोत्री धाम में तो जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन यात्रा मार्ग के प्रमुख मार्गों पर बिजली- पानी की सुविधा नहीं है।
मंदिर परिसर तीन बार सेनेटाइज किया जाएगा
देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के मुताबिक धामों
में सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन के लिए व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। सिंह ने बताया कि लाइन में खड़े रहने के लिए गोले बनाए गए हैं, दर्शन के लिए जाने और आने का अलग अलग रास्ता बनाया गया है। रोजाना तीन बार पूरा मंदिर परिसर सेनिटाइज किया जाएगा। मुख्य पुजारियों के प्रवेश से पहले भी मंदिर को सेनिटाइज किया जाएगा। मंदिरों के बाहर घंटियों सहित अन्य सामान को कपड़े से ढका गया है ताकि लोग इन्हें ना छुएं।
चारों धामों में अब भी पुजारी, पंडा, पुरोहित सहित जरूरी सेवा वाले लोग रह ही रहे हैं। इस कारण जरूरी सुविधाएं वहां उपलब्ध हैं ही। जल्द ही यात्रा के लिए एसओपी भी जारी होने के उम्मीद है, इसके अनुसार अन्य इंतजाम भी कर लिए जाएंगे।
रविनाथ रमन, सीईओ, देवस्थानम बोर्ड