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दिल्ली में जल्द खुलने वाले हैं स्कूल? डीडीएमए की बैठक में लिया गया ये अहम फैसला, डिप्टी सीएम बोले….

कोरोना के घटते संक्रमण के बीच राजधानी में स्कूल की तैयारी शुरू हो गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की शुक्रवार को हुई बैठक में स्कूल खोलने का खाका तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला हुआ है। बैठक में दिल्ली सरकार से कहा गया है कि दिल्ली में ज्यादातर अभिभावक चाहते है कि स्कूल और कॉलेज खुले। 

इसके अलावा बैठक में सीरो सर्वे कराने और कोरोना के तीसरी लहर के मद्देनजर अगस्त माह के अंत तक तैयारी पूरी करने का भी निर्देश दिया गया है। बैठक में मौजूद सूत्रों की माने तो स्कूल और शैक्षिक संस्थानों को खोले जाने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में मौजूद विशेषज्ञों की सलाह पर यह फैसला लिया गया है कि स्कूल खोलने का खाका तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएं। 

समिति में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के लोग भी शामिल होंगे। स्कूल खोलने के संबंध में पूरी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेंगे कि स्कूलों को कब और कैसे खोला जाना चाहिए। उसकी तैयारी की भी रिपोर्ट देनी होगी। सूत्रों की मानें तो बैठक में मौजूद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया स्कूल खोलने पर हुई चर्चा पर कहा कि बीते एक साल से ज्यादा समय से स्कूल बंद है। बच्चों का इससे बहुत नुकसान हो रहा है। अब समय आ गया है कि स्कूल खुलने चाहिए। 

उन्होंने कहा कि बीते दिनों स्कूलों में हुए पीटीएम में करीह 8 लाख अभिभावक शामिल हुए जिसमें 90 फीसदी ने स्कूल खोलने के पक्ष में रहे है। वहीं सिसोदिया ने बताया कि मेल पर हमने सुझाव मांगें थे जिसमें 33 हजार लोगों ने सुझाव भेजा है, 58 फीसदी लोग शैक्षणिक संस्थान खोलने के पक्ष में है जबकि 83 फीसदी लोग चाहते है कि कॉलेज खोले जाने चाहिए। 

जल्द पूरी की जाएं तीसरे लहर से निपटने की तैयारी, निगरानी भी बढ़े 

स्कूल खोलने के अलावा डीडीएमए की बैठक में कोरोना की वर्तमान स्थिति और तीसरे लहर को लेकर तैयारी पर भी चर्चा हुई। बैठक में विशेषज्ञों ने कहा है कि तीसरी लहर के रूझान का पता लगाने के लिए अलग-अलग क्षेत्र व स्थानों और वहां कोरोना संक्रमण पर भी विशेष निगरानी बढ़ानी होगी। उसके डेटा के अध्ययन करके हमें सतर्क रहने की जरूरत है

विशेषज्ञों ने बैठक में मौजूदा कोविड प्रबंधन को लेकर मौजूदा स्थित और उसे बनाएं रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। मगर इसपर निरंतर सतर्कता और सावधानी बरतने का भी सुझाव दिया। साथ ही संभावित तीसरी लहर या संक्रमण को देखते हुए चिकित्सा के बुनियादी ढांचे, ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता के संबंध में सभी तैयारियां 31 अगस्त तक पूरी कर लेने का सुझाव दिया। 

डीडीएमए की इस बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल अनिल बैजल ने की। इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, समेत अन्य विशेषज्ञ मौजूद रहे। 

कराया जाएगा विशेष सीरो सर्वे

बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि इस समय कोविड महामारी की नियंत्रित स्थिति का उपयोग एक उन्नत सीरो सर्वेक्षण के लिए किया जा सकता है। इस सर्वे से महामारी विज्ञान के आयामों को ध्यान में रखते हुए जीनोम सीक्वेंसिंग के बारे में भी निश्चित पता लगाया जा सकेगा, जिससे टीकाकरण कार्यक्रम में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए सलाह दी गई है। जबकि महामारी के प्रबंधन के लिए परीक्षण, उपचार और संपर्कों की पहचान की रणनीति और कोविड संबंधी बर्ताव पर जोर पहले की तरह ही जारी रहेगा।