भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले चार मैचों में आर अश्विन को प्लेइंग XI में शामिल नहीं किए जाने को लेकर लगातार बहस जारी है। चौथे टेस्ट में मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा चोट के चलते प्लेइंग XI से आउट हुए, लेकिन बावजूद इसके अश्विन की वापसी नहीं हुई और उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर को इन दोनों तेज गेंदबाजों के रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम इंडिया में जगह मिली। कप्तान विराट कोहली ने प्लेइंग XI का ऐलान करने के बाद सफाई दी कि क्यों अश्विन को इस मैच में भी टीम में जगह नहीं मिली। अश्विन ने तीसरे टेस्ट के दौरान प्रैक्टिस की फोटो शेयर की थी, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें चौथे टेस्ट में प्लेइंग XI में जगह मिलेगी।बाएं हाथ से बैटिंग प्रैक्टिस करते हुए अश्विन ने फोटो शेयर करते हुए लिखा था, ‘हर रोज कुछ नया सीखने की इच्छा कभी खत्म नहीं होती।’ विराट कोहली ने टॉस के समय एक बार फिर कहा कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले चौथे भारतीय गेंदबाज अश्विन उन पांच बेस्ट गेंदबाजों में से नहीं हैं, जो इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट खेलेंगे। पिछले तीन टेस्ट में दो विकेट लेने वाले रविंद्र जडेजा को खब्बू बल्लेबाजी के कारण टीम में रखा गया। कोहली ने कहा, ‘हमें लगा कि हालात के अनुरूप जडेजा सही बैठते हैं। टीम में बाएं हाथ के खिलाड़ी के लिए जगह है और वह इस समय बतौर बल्लेबाज टीम को संतुलन दे रहे हैं।’ उनका यह तर्क हालांकि क्रिकेट पंडितों के गले नहीं उतरा।
वॉन ने अश्विन के नहीं चुने जाने को बताया पागलपन
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा, ‘ब्रिटेन में चार टेस्ट में एक में भी रविचंद्रन अश्विन का सिलेक्शन नहीं होना सबसे बड़े चयन नहीं करने के फैसले में से है जो हमने देखे हैं। 413 टेस्ट विकेट और पांच टेस्ट शतक। पागलपन है।’ आम तौर पर विवादास्पद टिप्पणी नहीं करने वाले मार्क वॉ ने उस पर जवाब लिखा, ‘हैरानी हो रही है कि क्या भारतीय खेमे ने कुछ सोचा नहीं।’ टॉस के समय अश्विन को बाहर रखने के फैसले पर कोहली का जवाब सुनने वाले भारत के एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘क्या उसने यह कहा कि चार खब्बू बल्लेबाजों के सामने आर अश्विन से बेहतर रविंद्र जडेजा है। उसने अपने तेज गेंदबाजों की बात कही।’
उन्होंने कहा, ‘जडेजा की गेंदबाजी को देखो और क्या आपको यकीन है कि आप उसे इतने रन दे सकोगे कि वह चौथे या पांचवें दिन पिच में पड़ने वाली दरारों का इस्तेमाल कर सके।’ एक अतिरिक्त बल्लेबाज को उतारने का समर्थन करने वाले सुनील गावस्कर ने कहा कि एक बार टीम की घोषणा होने पर वह उसका समर्थन करेंगे और नतीजा निकलने तक अपनी राय नहीं देंगे। टेस्ट के नतीजे पर कयास लगा पाना मुश्किल है। हो सकता है कि भारत जीत जाए, लेकिन कप्तान कोहली की सोच पर बहस जरूर छिड़ गई है। उनके समर्थकों के लिए यह उनकी दृढ़ता है तो आलोचकों के लिए उनकी जिद।
क्यों अश्विन पर मिल रही है जडेजा को तरजीह
यह समझ पाना मुश्किल है कि स्पिनरों की मददगार पिच पर ऐसे गेंदबाज को कैसे बाहर रखा जा सकता है जिसने काउंटी मैच में छह विकेट लिए हैं। इसके साथ ही अश्विन-जडेजा से किसी मायने में कमतर स्पिनर नहीं हैं। उन्हें मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों की नाकामी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जडेजा सीरीज में 133 रन बना चुके हैं, जबकि अजिंक्य रहाणे ने तीन टेस्टमें 95 रन बनाए हैं। कप्तान कोहली ने इस सीजन में ब्रिटेन में चार टेस्ट (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल समेत) में एक भी शतक नहीं लगाया है। उन्होंने आखिरी टेस्ट शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था।