Gwalior Kisan News:दीनारपुर मंड़ी में सरसों की फसल बेचने पहुंचे किसानों ने जमकर हंगामा किया। किसानों का आरोप था कि व्यापारी आपस में मिले हुए हैं और वह उनकी फसल के बाजिव दाम नहीं लगा रहे हैं। जबकि व्यापारियों का कहना था कि हम लोग मंडी के हिसाब से बोली लगाते हैं। गीले व सूखे माल की अलग-अलग दाम पर खरीद होती है। जबकि किसानों का कहना था कि पूरी फसल की बोली एक जैसी ही लगाई जाए। जब व्यापारी इस पर तैयार नहीं हुए तो किसानों ने जमकर हांगामा किया और व्यापारियों के फसल तौलने के लिए लगे कांटो को उतार दिया तथा व्यापारियों के साथ धक्का-मुक्की की गई। इस पर व्यापारियों ने पुलिस बुला ली तो कम्युनिस्ट पार्टी के लोग भी मंडी जा पहुंचे और धरना दे दिया।
यह रहा घटनाक्रम : सुबह साढ़े दस बजे दीनारपुर मंड़ी में करीब दो सैंकड़ा किसान अपनी सरसों की फसल लेकर बेचने के लिए पहुंचे थे। व्यापारियों ने फसल की बोली लगाना शुरू किया। व्यापारी राजीव उपाध्याय का कहना है कि गीले माल की बोली की शुरुआत 4750 स्र्पये से और सूखे माल की बोली 4950 स्र्पये से शुरू हुई, तभी किसानों की भीड़ के बीच से कुछ लोगों ने बोलना शुरू कर दिया कि पूरी फसल की बोली पांच हजार से ऊपर लगाओ। इस पर हम व्यापारियों ने उन्हें समझाया कि भाव उसी हिसाब से लगाया जाता है, जिस हिसाब से मंडी चल रही हो। तभी कुछ किसान उत्तेजित हो गए और गाली गलौच करने लगे। इस पर बोली बीच में ही बंद करनी पड़ी । तब किसानों की भीड़ में से कुछ लोगों आक्रोशित हो गए और उन्होंने कांटे तोड़ दिए तथा व्यापारियों के साथ धक्का मुक्की की जिस पर व्यापारी मंडी छोड़कर बाहर निकल गए तथा पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस करीब डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची । इस बीच कम्युनिस्ट पार्टी के लोग आ गए और उन्होंने धरना दे दिया।
किसानों की मांग थी कि पांच हजार रुपये से बोली शुरू करें व्यापारी। जबकि व्यापारियों ने एमएसपी4650 से अधिक की बोली शुरू की थी। किसान इस पर नहीं माने और व्यापारियों के साथ नौक झौंक हो गई। 6 ट्रोली की निलामी होने के बाद यह घटना हुई। पुलिस कप्तान से सुरक्षा की मांग की है तथा हमारे गार्ड भी सुरक्षा में तैनात होंगे। गजेंद्र सिंह तोमर, सचिव गल्ला मंडी दीनारपुर
मंडी में किसानों को उनकी फसल के बाजिव दाम नहीं मिल रहे थे। व्यापारी साठगांठ कर एमएसपी से कम की बोली लगा रहे थे। किसानों की मांग थी कि एमएसपी से बोली शुरू हो। जिस पर व्यापारी नहीं माने तो किसानों ने हंगामा किया। हम लोग तब तक धरना देंगे जब तक किसानों को उनका बाजिव हक नहीं मिलता। अखिलेश यादव,सचिव भारतीय किसान संगठन