Thursday , January 26 2023

उत्तराखंड में भूजल स्तर गिरने से लोग पीने के पानी को तरसे, जून की स्थिति अप्रैल में आई

उत्तराखंड में बारिश कम होने से इस बार भूजल स्तर खासा प्रभावित हुआ। देहरादून समेत ग्रामीण क्षेत्रों में लगे ट्यूवबेल और हैंडपंप में पानी काफी नीचे पहुंच गया है। दून में तो अप्रैल महीने में ही भूजल स्तर 12 से 21 फुट तक नीचे आ गया। यही स्थिति दूसरे शहरों की है। यहां भी चिंताजनक स्थिति है। राजधानी के कई क्षेत्रों में ट्यूवबेल का भूजल स्तर नीचे गिरा है। नवादा में सात मीटर तक भूजल स्तर गिरा है। जहां पहले पानी 57 मीटर पर मिलता था, वही अब 64 मीटर पर मिल रहा है। सरस्वती विहार में पांच मीटर की गिरावट दर्ज हुई है।

यहां पहले 45 मीटर पर पानी मिलता था, अब 50 मीटर पर पानी मिल रहा है। सिद्ध विहार नेहरूग्राम में चार मीटर की गिरावट हुई है। पानी 46 मीटर से 50 मीटर पर पहुंच गया है। रायपुर, महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कॉलेज, राजेंद्र नगर क्षेत्र में भूजल स्तर नीचे गिरा है। एसई विनोद रमोला ने बताया कि जहां दिक्कत हो रही है, वहां पाइप बढ़ाए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति पहले मई और जून के महीने में आती थी, जो अप्रैल में आ गई है। हल्द्वानी शहर में 10 से 12 फुट तक रसातल में पानी पहुंचा है।  टिहरी में भी दिक्कत आ रही है। समय पर बारिश और बर्फबारी न होने से हैंडपंपों सूखने की स्थिति बन रही है।

पौड़ी में हैंडपंप खराब 
पौड़ी। पौड़ी में भूजल स्तर के कम होने से  हैंडपंप के बंद होने की अभी तक कोई सूचना नहीं है। हालांकि बीच-बीच में तीन-चार हैंडपंप खराब हो गए हैं। इन्हें ठीक करवाया जा रहा है। जल संस्थान के ईई एसके रॉय बोले, ऐसी स्थिति में पानी की आपूर्ति आंशिक प्रभावित हो रही हैं।

रुद्रपुर में डाउनफाल आया 
रुद्रपुर। यूएसनगर जिले में वाटर लेवल में कुछ डाउनफाल आया है। हालांकि, ट्यूबवेल में पाइप बढ़ाने जैसी स्थिति नहीं बनी है। नलकूप विभाग के ईई जीएस टोलिया ने बताया कि फिलहाल जिले में खतरे की बात नहीं है।

रुड़की में रिबोर की स्थिति
रुड़की। क्षेत्र में करीब बीस हजार हैंडपंप लगे हैं। इनमें से 705 को रिबोर करने की तैयारी की जा रही है। जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद हैंडपंप की बजाय हर घर नल से जल पानी की योजना बढ़ाई जा रही है।

हरिद्वार में नौ फुट गिरा जल स्तर
हरिद्वार। हरिद्वार जिले में हैंडपम्प फिलहाल सूखे नहीं हैं। कुछ इलाकों में इस साल बरसात कम होने के कारण वाटर लेवल सात से नौ फुट तक जरूर गिरा है। जल निगम के ईई मोहम्मद मिशम का कहना है कि जिन इलाकों में हैंड पम्प कम हैं वहां अतिरिक्त पाइप डाल पानी की व्यवस्था की जा रही है।