सरकारी अस्पतालों में बने टीकाकरण केन्द्रों में सोमवार को को-वैक्सीन की डोज कम पड़ गई। लोगों ने कई घण्टे इंतजार किया। सही जानकारी नहीं मिलने पर लोगों ने नाराजगी जतायी और बिना टीका लगवाये वापस लौट गए। यह स्थिति शनिवार को अचानक इस कारण बिगड़ी क्योंकि रोजाना की तुलना में टीका लगवाने अधिक लोग पहुंचे।
रोजाना 16 हजार को टीका लग रहा था आज यह संख्या बढ़कर 19 हजार से अधिक पहुंच गई। इसी वजह से टीके कम पड़ गए और लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा। एसीएमओ डा.एमके सिंह का कहना है कि अस्पतालों को रोजाना की स्थिति देखते हुए टीके का स्टॉक भेजा जा रहा था। शनिवार की स्थिति अप्रत्याशित थी। दूसरी वजह यह भी रही है कि अधिकतर लोग को-वैक्सीन का टीका लगवाना चाह रहे हैं जबकि अस्पतालों को कोविशील्ड के टीके भेजे जा रहे हैं। इसी वजह से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।
शनिवार को टीकाकरण केन्द्रों पर को-वैक्सीन की शनिवार को डोज कम पहुंची। जिसकी वजह से कई लोगों को टीका नहीं लग सका। टीकाकरण केंद्रों पर 18 से 44 के बीच हर रोज टीके की करीब 150 सीमित डोज मिलती हैं। जबकि 45 से अधिक लोगों के लिए कोई भी सीमा तय नहीं है। सरकारी अस्पतालों को दो दिन से को-वैक्सीन कम मिल रही है।
सिविल अस्पताल में शनिवार को करीब 368 लोगों को टीका लगा। इसमें 18 से 44 के बीच 147 को वैक्सीन लगी। 45 साल से अधिक उम्र वाले करीब 400 लोग केन्द्र पर आ गए थे। ऐसे में टीका कम पड़ गया। जिसके बाद करीब 100 लोगों को टीका उपलब्ध न होने की बात कहकर वापस कर दिया गया। इस पर कई लोगों ने नाराजगी भी जताई।
यही हाल लोक बन्धु अस्पताल का रहा। यहां शनिवार को करीब 250 लोगों को ही टीका लगा। अन्य टीकाकरण केन्द्रों पर भी टीका कम पड़ने से लोग लौट गए। डाक्टरों ने बताया कि जितनी वैक्सीन मिली उसे लगाया जा रहा है। लोग ज्यादा आने पर वैक्सीन कम पड़ जाती है। एसीएमओ डा.एमके सिंह ने बताया कि शनिवार को 18,812 लोगों को टीका लगवाया गया। इसमें 12,813 युवा हैं।