जेवर में जहरीली शराब से तीन मौत होने के बाद अलीगढ़ और नोएडा पुलिस आमने-सामने आ गई है। अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी ने जेवर पुलिस पर आरोप लगाया कि शराब कांड में अलीगढ़ को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उनका कहना है कि जिस देशी शराब की अलीगढ़ से बरामदगी दिखायी जा रही है, उस शराब की नोएडा के ठेके के नाम पर निकासी जुलाई माह में हुई है। जेवर में जहरीली शराब से तीन मौत होने के बाद अलीगढ़ और नोएडा पुलिस आमने-सामने आ गई है। अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी ने जेवर पुलिस पर आरोप लगाया कि शराब कांड में अलीगढ़ को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उनका कहना है कि जिस देशी शराब की अलीगढ़ से बरामदगी दिखायी जा रही है, उस शराब की नोएडा के ठेके के नाम पर निकासी जुलाई माह में हुई है।
इसकी जानकारी जब अलीगढ़ पुलिस को हुई तो अलीगढ़ पुलिस की टीमों ने आबकारी विभाग के साथ मौके पर जाकर पड़ताल की। अलीगढ़ आबकारी विभाग ने अपनी पड़ताल में पाया कि जिस शराब को अलीगढ़ में पड़ी होना बताया गया है, उसका क्यूआर कोड स्कैन करने पर सामने आया है कि उक्त देशी शराब की निकासी नोएडा के भट्टा पारसौल ठेके के लिए जुलाई माह में हुई है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जेवर पुलिस अपनी कमी को छुपाने के लिए अलीगढ़ के सिर ठीकरा फोड़ रही है। उन्होंने जेवर पुलिस पर साजिश के तहत फंसाने का आरोप तक लगाया। ऐसे में अब नोएडा और अलीगढ़ पुलिस इस जहरीली शराब कांड को लेकर आमने-सामने आ गई है।
नोएडा के दुकान की शीशी हमारे यहां कैसे आई
जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि जेवर पुलिस की ओर से जो शराब बरामद दिखायी जा रही है, वह नोएडा की दुकान के लिए निकासी हुई है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर यह बात सामने आई है। ऐसे में सवाल यह है कि नोएडा की दुकान की शीशी हमारे यहां कैसे पहुंची।
उन्होंने जेवर पुलिस पर आरोप लगाया कि वहां की पुलिस स्वयं को बचाने के लिए साजिश के तहत अलीगढ़ पुलिस को फंसा रही है। उनका यह भी कहना है कि जेवर पुलिस ने अलीगढ़ में मौके पर आकर चेकिंग की तो स्थानीय पुलिस व विभागीय अधिकारियों को भी संपर्क करना चाहिए था। लेकिन उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया।
अलीगढ़ में टैट्रा पैक की बिक्री
अलीगढ़ मे टैट्रा पैक की बिक्री की जा रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो ब्रांड मजदूरों ने सेवन किया है, वह मिस इंडिया ब्रांड है, जो अलीगढ़ में मिलता ही नहीं है।
अपनी छवि बिगड़ने से बचाने के लिए अलीगढ़ को बनाया गया मोहरा: जिला आबकारी अधिकारी
जिला आबकारी अधिकारी सतीश चंद्र ने कहा, ‘जेवर पुलिस की ओर से यह प्लांट किया गया है। उनके द्वारा जो रिकवरी दिखायी गई है, उनमें सभी शीशियों के ढक्कन हरे रंग के हैं। केवल एक शीशी का ढक्कन लाल रंग का है। जिसमें आधी शीशी के आसपास पेय पदार्थ है। जिस जगह से जहरीली शराब दिखायी जा रही है, वहां से दस किमी दूर जेवर है। दस किमी से दूर कबाड़ी कबाड़ बीनने आएगा, ऐसा संभव नहीं है। शराब हमारे जिले की नहीं है। स्वयं की छवि बिगड़ने से बचाने के लिए अलीगढ़ को मोहरा बनाया गया है।’