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भारत निर्वाचन आयोग ने शिवसेना पार्टी के नाम औऱ चुनाव चिह्न को किया फ्रीज, पढ़े पूरी ख़बर

शिवसेना किसकी? सवाल पर जारी एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट की जंग थमी नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग ने (ECI) ने शनिवार को पार्टी के नाम औऱ चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ को फ्रीज कर दिया है। अब चुनाव आयोग के फैसले पर दोनों ही गुट प्रतिक्रियाएं रहे हैं। एक ओर जहां उद्धव समर्थक इसे ‘अन्याय’ बता रहे हैं। वहीं, शिंदे कैंप ने भी आयोग के सामने अपना पक्ष रखने की तैयारी कर ली है। खास बात है कि निर्वाचन आयोग की तरफ से अंतरिम आदेश ऐसे समय पर आया है, जब मुंबई के अंधेरी पूर्व में उपचुनाव होने हैं। शनिवार को ECI की तरफ से जारी अंतरिम आदेश ने दोनों गुटों से शिवसेना का नाम और चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार छीन लिया है। इसपर पूर्व लोकसभा सांसद और शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ‘हैरानी’ जाहिर कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने इसके तार राजनीतिक मकसद से जोड़े हैं। पार्टी के लोकसभा सांसद अरविंद सावंत ने भी आरोप लगाए कि उद्धव गुट के जवाब और शिंदे कैंप की याचिका में से किसी पर भी जरूरी विचार नहीं किया गया। उन्होंने आयोग पर सवाल उठाए और कहा, ‘हमने शनिवार सुबह चुनाव आयोग के सामने हमारा जवाब दाखिल कर दिया था और शाम मे ही नाम और चिह्न को फ्रीज करने का आदेश जारी हो गया। यह बगैर सुनवाई के हुआ है।’ ठाकरे के वफादार महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के स्थान पर समेकित फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने पीटीआई/भाषा से कहा, ‘यह अन्याय है।’ भाषा के अनुसार, शिवसेना के नेता व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘खोखेवाले गद्दारों के शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है।’ उन्होंने कहा, ‘हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम सच के साथ हैं। सत्यमेव जयते!’ आदित्य ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हरिबंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ भी पोस्ट की है। शिंदे कैंप भी सक्रिय माना जा रहा है कि पार्टी का नाम और चिह्न मिलने की उम्मीद लगाए शिंदे गुट को भी आयोग के फैसले से झटका लगा है। शनिवार को गुट ने कहा कि वे कानूनी सलाह लेंगे। दोनों गुटों ने रविवार को समर्थकों की बैठक बुलाई है। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, ‘हम बालासाहब के असली शिवसेना हैं और हमारा दावा धनुष और बाण चिह्न पर है। हम चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे और भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा।’ उन्होंने दावा किया है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा शिवसैनिक शिंदे के साथ हैं। अब क्या चुनाव आयोग की तरफ से अंतरिम आदेश जारी होने के बाद अब दोनों गुट शिवसेना का नाम और चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि, दोनों समूहों के पास आयोग से नया चिह्न लेने का रास्ता बाकी है। आयोग ने उन्हें चुनाव चिह्न के लिए विकल्प उपलब्ध कराए हैं। खबर है कि गुटों को सोमवार दोपहर एक बजे तक अपनी पसंद के तीन नाम और चिह्न भेजने होंगे। दोनों गुटों की बैठक आज खबर है कि रविवार को दोपहर 12 बजे उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना बैठक करने जा रही है। वहीं, सीएम शिंदे अपने समर्थकों के साथ शाम 7 बजे मंथन करेंगे।