राज्य में बारिश थमने के साथ ही मच्छरजनित रोगों का प्रकोप बढ़ने लगा है। डेंगू व चिकनगुनिया के साथ-साथ जैपनीज इंसेफलाइटिस (जेई) के मरीज भी मिलने लगे हैं। सितंबर में राज्य के 17 जिलों में इससे जुड़े मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इसमें 12 जिलों में डेंगू, आठ में चिकनगुनिया और नौ में जैपनीज इंसेफलाइटिस (जेई) के मरीज मिल चुके हैं। यह स्थिति तब है जब राज्यभर में जुलाई को डेंगू रोधी माह के रूप में मनाया गया है। चिंता की बात यह है कि जेई के मरीजों में सर्वाधिक बच्चे हैं।
जेई के मरीजों में 68 फीसदी बच्चे
बीते माह राज्य के 09 जिलों में मस्तिष्क ज्वर (जेई) के 22 मरीज मिले हैं। जिसमें से 68 प्रतिशत यानी 15 मरीजों की उम्र 15 वर्ष से कम है। उसमें भी 10 की उम्र 10 वर्ष से भी कम है। एक बच्चा तो महज 8 माह का ही है। वहीं, डेंगू के 34 प्रतिशत एवं चिकनगुनिया के 29 प्रतिशत मरीजों की उम्र 0 से 15 वर्ष तक है।
रांची में डेंगू व चिकनगुनिया के सर्वाधिक मरीज
राज्य के 9 जिलों में मिले जैपनीज इंसेफलाइटिस के मरीजों में सर्वाधिक 7 मरीज पूर्वी सिंहभूम के हैं, जबकि, डेंगू व चिकनगुनिया के सर्वाधिक मरीज रांची में मिले हैं। रांची में डेंगू के 20 (सितंबर में 14, अक्तूबर में 6), चिकनगुनिया के 13 जबकि, जेई के 3 मरीज मिल चुके हैं। बीते 10 अक्तूबर को बेड़ो में एक साथ डेंगू के 6 मरीजों की पुष्टि हुई थी।
रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने बताया कि बेड़ो में एहतियाती उपाय किए गए हैं, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। 10 अक्तूबर के बाद एक भी मरीज नहीं मिले हैं। फिलहाल सदर अस्पताल, रांची में भी डेंगू की एक मरीज भर्ती है, लेकिन उस मरीज की पहचान दिल्ली में ही हुई थी।
जिला अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाने का निर्देश
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर माह में राज्य के 12 जिलों में डेंगू के 41 (अक्तूबर में 6), आठ जिलों में चिकनगुनिया के 24 जबकि, नौ जिलों में जेई के 22 मरीज मिल चुके हैं। राज्य में मच्छर जनित रोगों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आईडीएसपी के स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ राकेश दयाल ने सभी प्रभावित जिलों के सिविल सर्जन को मरीजों की त्वरित पहचान कर उनका उपचार सुनिश्चित करने एवं एहतियाती उपाय करने का निर्देश दिया है।
डॉ दयाल ने संबंधित जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन करने एवं जिला अस्पताल में 10 बेड का डेंगू वार्ड बनाने को कहा है। उन्होंने सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में वायरल फीवर के मरीजों का सर्वे कर लाइन लिस्टिंग करने के साथ ही सभी संभावित मरीजों के सैंपल कलेक्ट कर रिम्स, पीएमसीएच एवं एमजीएम में टेस्ट कराने का निर्देश दिया