Tuesday , September 5 2023

Eradication : फाइलेरिया का मॉपअप राउंड शुरू, कई जिले लक्ष्य के करीब

छूटे हुए लोगों को खिलाई जा रही है फाइलेरिया से बचाव की दवा
अभी तक चंदौली, लखीमपुर खीरी व बस्ती ने किया बेहतर प्रदर्शन

लखनऊ : प्रदेश के फाइलेरिया प्रभावित जिलों में ‘सर्वजन दवा सेवन’ अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए मंगलवार को मॉपअप राउंड शुरू हुआ है। यह राउंड दो सितंबर तक चलेगा। ‘सर्वजन दवा सेवन’ अभियान के दौरान किन्हीं कारणों से छूटे लोगों को अब घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा रही है। प्रदेश के 27 जनपदों में 10 अगस्त से 28 तक ‘सर्वजन दवा सेवन’ अभियान चला। इस दौरान लक्ष्य के सापेक्ष चंदौली, लखीमपुर खीरी और बस्ती ने बेहतर प्रदर्शन किया। यहां क्रमशः 1758977 (88%), 3023484 (86 %) और 2456972 (85%) लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा खाई। जबकि कानपुर नगर, फर्रुखाबाद और फतेहपुर में क्रमशः 3197373 (69%), 1543433 (70%) और 2160893 (74%) लोगों ने दवा का सेवन किया। प्रदेश स्तर पर औसतन यह आंकड़ा 79 प्रतिशत है। सभी 27 जिलों में कुल 82340546 आबादी को लक्ष्य मानते हुए 64886275 लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया।

अपर निदेशक (मलेरिया) डॉ भानु प्रताप सिंह कल्याणी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ‘सर्वजन दवा सेवन’ अभियान बढ़िया चला है। अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए अब इस मापअप राउंड में स्कूलों और शहरी क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया जाएगा। फाइलेरिया को हाथीपांव भी कहते हैं, यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। फ़ाइलेरिया रोग का कोई इलाज नहीं लेकिन इससे बचाव संभव है। फाइलेरिया किसी भी व्यक्ति को दिव्यांग बना सकता है। यह शरीर के लटके हुए अंगों जैसे पैर, हाथ, अंडकोश और स्तन को प्रभावित करता है। व्यक्ति में मच्छर के काटने से संक्रमित होने के बाद बीमारी के लक्षण प्रकट होने में 10-15 वर्ष लग जाते हैं। यह बीमारी ज्यादातर बचपन में लोगों को प्रभावित करती है। फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा अगर हर व्यक्ति खा ले तो समाज में संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है। इसलिए ईमानदारी से सभी को यह दवा जरूर खानी चाहिये। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नहीं खानी हैं। यह दवा खाली पेट न खाएं और इसको स्वास्थ्य टीम के सामने ही खाएं।