प्राथमिक विद्यालयों की बदहाल स्थिति पर हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। स्कूलों की स्थिति की मानीटरिंग कर रही अदालत ने दूसरी बार प्रदेश सरकार को चेताते हुए प्राथमिक स्कूलों में बेंच डेस्क की व्यवस्था करने का आदेश दिया। अगर जिले के प्राथमिक विद्यालयों पर गौर करें तो यहां भी स्कूलों में डेस्क बेंच नहीं है। बच्चे स्कूलों में टाट-पट्टी, चटाई और बोरा पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। प्राथमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बेंच और डेस्क के लिए कोई बजट नहीं आता है।
हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रदेश सरकार को इस संबंध में चेताया है। गुरुवार को जब हमने विद्यालयों में इसकी पड़ताल की तो लगभग सभी विद्यालयों में बच्चे टाट-पट्टी पर ही बैठकर पढ़ाई करते हुए मिले। बच्चों की उपस्थिति भी काफी कम दिखी। निजामाबाद प्रथम में पंजीकृत बच्चों की संख्या 104 है लेकिन मौके पर मात्र 12 छात्र ही मिले। सभी बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। वहीं, प्राथमिक विद्यालय निजामाबाद द्वितीय में पंजीकृृत छात्रों की संख्या 258 है लेकिन मौके पर 129 छात्र उपस्थित मिले। यहां भी बच्चे टाट और पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करते मिले। कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय निजामाबाद में छात्राओं की संख्या 137 है। मौके पर 22 छात्राएं उपस्थित मिलीं।
सभी छात्राएं टूटी मेज और बेंच पर बैठे थे। प्रधानाध्यापक संतराज यादव ने बताया कि 2008 में ही मेज और बेंच मिले थे। जिनमें से ज्यादातर टूट गए हैं। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय मस्जिदिया में पंजीकृत छात्रों की संख्या 54 हैं। जिसमें से 24 छात्र मौजूद रहे। बेंच और मेज है लेकिन बच्चे बाहर चटाई पर धूप का आनंद लेते हुए पढ़ाई करते मिले। वहीं, लाटघाट संवाददाता के अनुसार, हरैया विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय तुरकौली में 106 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से मौके पर 11 बच्चे उपस्थित मिले। सभी बच्चे टाट पर बैठकर शिक्षण कार्य करते हुए मिले। शौचालय में गंदगी का अंबार लगा हुआ था। बच्चों के पानी पीने के लिए लगा हैंडपंप खराब पड़ा था।