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तो यह है सचिन के क्रिकेट से संन्यास लेने का राज

दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने खुलासा करते हुए बताया है कि उन्हें अक्तूबर 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में पहली बार विचार आया था। इसके एक महीने बाद ही सचिन ने अपने 24 साल के लंबे क्रिकेट कैरियर को अलविदा कह दिया था। 
sachin-tendulkar_1473076647तेंदुलकर ने सोशल साइट लिंक्डइन प्रोफेशनल नेटवर्क पर ‘मेरी दूसरी पारी’ शीर्षक में लिखा, ‘अक्तूबर 2013 में चैंपियंस लीग टी-20 के एक मुकाबले के लिए मैं दिल्ली में था। मेरी सुबह जिम वर्कआउट से शुरू होती, जो पिछले 24 साल से एक रूटीन बन चुका था लेकिन उस सुबह कुछ बदल चुका था। मुझे महसूस हुआ कि उस सुबह उठने में मुझे खुद पर जोर लगाना पड़ रहा था।

सचिन ने आगे कहा, ‘मैं जानता था कि जिम वर्कआउट मेरे क्रिकेट कैरियर के लिए कितना महत्वपूर्ण है, जो काम मैं पिछले 24 साल से हर रोज करता आ रहा था, लेकिन उस सुबह मेरी कुछ करने की इच्छा नहीं हो रही थी, क्यों? क्या यह इशारा था कि मुझे अब रुक जाना चाहिए। इशारा था कि जो खेल मुझे इतना प्यारा है, वह अब मेरे रूटीन का हिस्सा नहीं रहेगा।’

गावस्कर ने घड़ी देखकर लिया संन्यास

200 टेस्ट खेलने वाले सचिन ने आगे लिखा, ‘मेरे क्रिकेट हीरो सुनील गावस्कर ने एक बार मुझे बताया था कि संन्यास लेने का उनका मन तब बना जब वह एक बार घड़ी को देख रहे थे कि लंच और चायकाल के बीच कितना समय बचा है। मुझे एकाएक समझ आया कि उनके कहने का क्या मतलब था। मेरा दिल और शरीर भी मुझे यही इशारा कर रहा था।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे विंबलडन में कुछ वर्ष पहले बिली जीन किंग ने कहा था कि यह आवाज आपके अंतर्मन से आएगी कि आपको संन्यास कब लेना है, न कि दुनिया तय करेगी। मैंने खेल छोड़ने के बाद की जिंदगी के बारे में सोचा और फिर अपने परिवार और करीबी दोस्तों से इस बारे में चर्चा की। मेरी आंखें के सामने इतने वर्षों के दौरान जीत, हार, चुनौतियां, शोर, जश्न और चुप्पी सब छा गए।’

43 साल के सचिन ने कहा कि 2011 में विश्वकप जीतना उनके लिए सपने के सच होने जैसा था। मेरी पहली पारी अपने सपनों को पूरे करने के लिए थी और दूसरी पारी आत्मसंतुष्टि के लिए।