Friday , November 1 2024

लोकनिर्माण टाइम्स के खबर का असर ! सरकार ने SBI से ट्रांजेक्शन और मिनिमम बैलेंस चार्ज वापस लेने को कहा

sbi

लखनऊ  : आगामी एक अप्रैल से बैंक खातों में न्यूनतम राशि न रखने पर आपको जुर्माना नहीं देना पड़ सकता है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार ने देश के सबसे बड़े ऋणदाता बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से आगामी 1 अप्रैल से न्यूनतम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों पर जुर्माना लगाने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है.

Govt asks SBI to reconsider it’s decision of imposing a penalty on non-maintenance of minimum balance in accounts from April 1: Sources

इस खबर को 26 फरवरी को प्रकाशित किया था पढ़े पूरी खबर ……………

आम जनता पर एक और वार नगद निकासी पर देना होगा 150 रुपे टैक्स 

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने निजी और सरकारी बैंकों से एटीएम से तय सीमा से अधिक की निकासी पर लगने वाले शुल्क पर भी दोबारा विचार करने के लिए कहा है.

Govt asks SBI to reconsider it’s decision of imposing a penalty on non-maintenance of minimum balance in accounts from April 1: Sources

Govt urges banks, including private ones, to reconsider charges on cash transactions & ATM withdrawals above certain limit: Sources

एसबीआई ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा है कि वह पांच साल के अंतराल के बाद फिर से खाते में न्यूनतम राशि नहीं होने पर जुर्माना वसूलेगा. यह जुर्माना एक अप्रैल से लागू होगा. इसके अलावा बैंक ने एटीएम सहित अन्य सेवाओं के शुल्क में भी बदलाव किया है. देश के सबसे बड़े बैंक ने महीने में तीन बार बचत खाताधारकों को बिना शुल्क के नकद धन जमा कराने की अनुमति दी है। इसके बाद नकदी के प्रत्येक लेनदेन पर 50 रुपये का शुल्क और सेवाकर ग्राहकों को देना होगा.

चालू खातों के मामले में यह शुल्क अधिकतम 20,000 रुपये भी हो सकता है.

शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है अलग-अलग शुल्क का प्रावधान  

एसबीआई के संशोधित शुल्कों की सूची के अनुसार खातों में मासिक औसत बकाया (एमएबी) रखने में नाकाम रहने पर 100 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और इस पर सेवाकर भी देय होगा. शहरी क्षेत्र के खाताधारकों के खाते में यदि न्यूनतम राशि 5,000 रुपये का 75 प्रतिशत होगी तो 100 रुपये का शुल्क और सेवाकर जुर्माना स्वरूप देना होगा. यदि यही बकाया न्यूनतम राशि के 50 प्रतिशत अथवा उससे भी कम है तो ऐसी स्थिति में बैंक 50 रुपये और सेवाकर वसूलेगा.

ATM से तय निकासी से ज्यादा निकालने पर भी लगना है शुल्क 

मासिक औसत शेष यानी एमएबी शुल्क बैंक शाखा की जगह के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. ग्रामीण शाखाओं के मामले में यह न्यूनतम रह सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में बैंकों को अनुमति दे दी है. ये शुल्क एक अप्रैल से लागू हो जायेंगे. स्टेट बैंक ग्राहकों द्वारा इसी प्रकार एक माह में अन्य बैंक के एटीएम से तीन बार से ज्यादा निकासी पर 20 रुपये का शुल्क देय होगा और एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा आहरण करने पर हर बार 10 रुपये का शुल्क लिया जाएगा.

हालांकि, एसबीआई खुद के एटीएम से तब कोई शुल्क नहीं लगाएगी जबकि संबंधित व्यक्ति के खाते में 25,000 रुपये से अधिक बकाया रहता है. वहीं खाते में एक लाख रुपये से अधिक बकाया रहने पर स्टेट बैंक ग्राहक यदि दूसरे बैंकों के एटीएम से कितनी भी बार निकासी करता है तो कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. डेबिट कार्डधारकों से एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए एसबीआई हर तिमाही 15 रुपये का शुल्क लेगा जो त्रैमासिक आधार पर औसत 25,000 रुपये की बकाया राशि खाते में रखते हैं. बैंक यूपीआई के माध्यम से 1,000 रुपये तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लेगा.