प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह महीने बाद मई और जून महीने में पांच देशों की विदेश यात्रा पर रहेंगे । पीएम की श्रीलंका, जर्मनी, स्पेन, रूस और कजाकिस्तान की यात्रा प्रस्तावित है। उनकी पिछली विदेश यात्रा जापान की थी, जहां वह पिछले साल नवंबर में गए थे। उसके बाद संसद का शीतकालीन सत्र और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पीएम व्यस्त रहे।
यहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पीएम मोदी की मुलाकात संभव है। क्योंकि भारत और रूस के बीच ये साल महत्वपूर्ण है। क्योंकि दोनों देशों के बीच बेहतर राजनयिक संबंध के 70 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस मौके पर यहां जश्न मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों में शामिल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले नेता होंगे जिनसे मोदी 2017 में मुलाकात करेंगे।
7-8 जून के बीच प्रधानमंत्री कजाखिस्तान के दौरे पर रहेंगे, जहां शंघाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में भारत को औपचारिक रूप से शंघाई सहयोग संगठन का हिस्सा बनाया जाएगा।
मई में अमेरिका भी जा सकते हैं मोदी
12 मई को पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र वेसक दिवस में शामिल होने का कार्यक्रम है। यह दिवस हर साल बुद्धिस्ट देशों के साथ मनाया जाता है। श्रीलंका पहली बार इसकी मेजबानी करेगा। वेसक दिवस बुद्ध के जन्म, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति और उनके महाप्रयाण को लेकर मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे अंतरराष्ट्रीय त्योहार घोषित किया गया है।
प्रधान मंत्री मोदी अंतर-सरकारी आयोग के चौथे संस्करण के लिए बर्लिन की यात्रा करेंगे । मोदी सरकार को जर्मनी यात्रा से उम्मीदें अधिक है,क्योंकि भारत में जर्मनी सातवें सबसे बड़ा निवेशक है और भारत में कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का 3 प्रतिशत हिस्सा है।
मोदी की अमेरिका यात्रा मई, 2017 में होगी और ठीक इसके बाद जून माह में वह इजरायल भी जाएंगे। यह किसी भी भारतीय पीएम की पहली इजरायल यात्रा होगी। इन दोनों यात्राओं के कूटनीतिक मायने होने के साथ ही ये देश की रक्षा तैयारियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे। मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के साथ भारत में रक्षा उपकरणों के निर्माण को लेकर समझौता होने की उम्मीद है।
मोदी की अमेरिका यात्रा की तैयारियों को लेकर ही विदेश सचिव एस जयशंकर पिछले शुक्रवार को अमेरिका गये थे। जानकारों के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा व पीएम मोदी के बीच पिछले वर्ष हुई बैठक में रक्षा सौदों को लेकर जो सहमति बनी थी उसे अब किस तरह से आगे बढ़ाया जाए, इसको लेकर पीएम मोदी की आगामी यात्रा काफी अहम होगी।