भारत में भले ही लड़कियों को कमजोर समझते हों लेकिन कानून ऐसा बिलकुल नहीं समझता। खुद लड़कियों को नहीं पता होगा कि उनके भले के लिए इतने कानून बनाए गए हैं।
अच्छा होगा कि सब ये कानून जान लें, लड़कियां मजबूत होंगी और जमाना सचेत।
—यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की मर्यादा को अपमानित करने की नीयत से कोई शब्द, कोई आवाज, इशारा या किसी वस्तु का प्रदर्शन करता है, तो उसे एक साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा होगी।
—कोई व्यक्ति महिला को परेशान करते हुए सार्वजनिक स्थान पर या उसके आस-पास कोई अश्लील हरकत करता है या अश्लील गाने गाता, पढ़ता या बोलता है, तो उसे तीन महीने कैद या जुर्माना या दोनों की सजा होगी
— यदि कोई व्यक्ति विज्ञापनों, प्रकाशनों, लेखों, तस्वीरों, आकृतियों या किसी अन्य तरीके से स्त्री का अभद्र रूप या प्रदर्शन करता है तो उसे दो से सात साल की कैद और जुर्माने की सजा होगी।
—यदि किसी महिला की इच्छा के खिलाफ उसके पैसे, शेयर्स या बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया जा रहा हो तो इस कानून का इस्तेमाल करके वह इसे रोक सकती हैं|
—घरेलू हिंसा में महिलाएं खुद पर हो रहे अत्याचार के लिए सीधे न्यायालय से गुहार लगा सकती है, इसके लिए वकील को लेकर जाना जरुरी नहीं है| अपनी समस्या के निदान के लिए पीड़ित महिला- वकील प्रोटेक्शन ऑफिसर और सर्विस प्रोवाइडर में से किसी एक को साथ ले जा सकती है और चाहे तो खुद ही अपना पक्ष रख सकती हैं|
—लिव इन रिलेशनशिप में महिला पार्टनर को वही दर्जा प्राप्त है, जो किसी विवाहिता को मिलता है| पहली पत्नी के जीवित रहते हुए यदि कोई पुरुष दूसरी महिला से लिव इन रिलेशनशिप रखता है तो दूसरी पत्नी को भी गुजाराभत्ता पाने का अधिकार है|
—दाखिले के लिए स्कूल के फॉर्म में पिता का नाम लिखना अब अनिवार्य नहीं है| बच्चे की माँ या पिता में से किसी भी एक अभिभावक का नाम लिखना ही पर्याप्त है|
—सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीें किया जा सकता, पुलिस स्टेशन में किसी भी महिला से पूछताछ करने या उसकी तलाशी के दौरान महिला कॉन्सटेबल का होना जरुरी हैं।
किसी भी महिला गवाह को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता| जरुरत पड़ने पर उससे पूछताछ के लिए पुलिस को ही उसके घर जाना होगा|